झारखंड : मुठभेड़ में कोबरा का जवान शहीद

गारू : झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा पर गारू प्रखंड के बूढ़ा पहाड़ पर सोमवार को पुलिस और माओवादियों में मुठभेड़ हुई. मुठभेड़ में सीआरपीएफ की 209 कोबरा बटालियन के जवान अजय कुमार शहीद हो गये. बताया जाता है कि पुलिस को सूचना मिली थी कि बूढ़ा पहाड़ पर माओवादियों का कैंप चल रहा है. सूचना के बाद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2016 2:07 AM
गारू : झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा पर गारू प्रखंड के बूढ़ा पहाड़ पर सोमवार को पुलिस और माओवादियों में मुठभेड़ हुई. मुठभेड़ में सीआरपीएफ की 209 कोबरा बटालियन के जवान अजय कुमार शहीद हो गये. बताया जाता है कि पुलिस को सूचना मिली थी कि बूढ़ा पहाड़ पर माओवादियों का कैंप चल रहा है. सूचना के बाद पुलिस सर्च ऑपरेशन पर गयी थी. इसी दौरान माओवादियों ने हमला कर दिया. मुठभेड़ में भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य अरविंदजी भी शामिल थे. बताया जाता है कि माओवादियों को भी नुकसान हुआ है.
हेलीकॉप्टर से लाया गया रांची : पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता एडीजी अभियान एसएन प्रधान ने बताया : शहीद जवान अजय कुमार पंजाब के शहीद भगत सिंह नगर जिले के बालचोर थाना क्षेत्र स्थित नवाहपींड गांव निवासी सोहन लाल के पुत्र थे. उन्हें गोली लगी थी. घायल अवस्था में उन्हें हेलीकॉप्टर से रांची लाया गया. इलाज के लिए मेडिका अस्पताल में भरती कराया गया, पर उन्हें बचाया नहीं जा सका.
कई घंटे चली मुठभेड़ : लातेहार के एसपी अनूप कुमार बिरथरे ने बताया : मुठभेड़ कई घंटों चली. मुठभेड़ में भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य अरविंद भी शामिल थे. उन्होंने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ तीन दिनों से ऑपरेशन चल रहा था.
पुलिस को सूचना थी कि बूढ़ा पहाड़ पर नक्सलियों का कैंप है. मुठभेड़ के बाद लातेहार व गढ़वा जिला पुलिस की टीम पहाड़ पर सर्च अभियान चला रही है. उन्होंने कहा है कि बूढ़ा पहाड़ पर ऊंचाइयों में कम भी गिराया गया, इससे माओवादियों को भी भारी नुकसान हुआ है.
कहां है बूढ़ा पहाड़
लातेहार जिले में गढ़वा और छत्तीसगढ़ की सीमा से सटा है बूढ़ा पहाड़. यह इलाका घोर नक्सल प्रभावित है. पुलिस और कोबरा बटालियन की एक टीम शनिवार को इस इलाके में गयी थी.
दो हेलीकॉप्टर की मदद
नक्सलियों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान में दो हेलीकॉप्टर की भी मदद ली जा रही है. मुठभेड़ के दौरान पुलिस के दो हेलीकॉप्टर बूढ़ा पहाड़ की निगरानी करते देखे गये. बताया जाता है कि बूढ़ा पहाड़ पर नक्सलियों के खिलाफ यह सबसे बड़ा अभियान है.

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