राज्य सरकार को विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश
मामला राज्य के अस्पतालों की दयनीय स्थिति का रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को राज्य के अस्पतालों की दयनीय स्थिति काे लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट के माध्यम से विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस एस चंद्रशेखर […]
मामला राज्य के अस्पतालों की दयनीय स्थिति का
रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को राज्य के अस्पतालों की दयनीय स्थिति काे लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट के माध्यम से विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने सरकार से पूछा कि अस्पतालों में अब तक कितने चिकित्सकों व पारा मेडिकल स्टॉफ की नियुक्ति की गयी है. सरकार द्वारा दिखाये गये मॉडल के अनुरूप कितने पीएचसी व सीएचसी का निर्माण किया जा चुका है. वहां पर मेडिकल सुविधा उपलब्ध करायी गयी है या नहीं. एंबुलेंस की सुविधा दी गयी है या नहीं यदि दी गयी है, तो एंबुलेंस काम कर रहा है या नहीं. शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल किया जाये.
मामले की सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी. एमीकस क्यूरी अधिवक्ता सुमित गड़ोदिया व राज्य सरकार की अोर से अधिवक्ता राजीव रंजन मिश्रा ने पक्ष रखा. मालूम हो कि राज्य के अस्पतालों में चिकत्सिकों व पारा मेडिकल स्टॉफ की कमी को देखते हुए हाइकोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. वहीं मृदुशीला मुरमू ने जनहित याचिका दायर कर पाकुड़ सदर अस्पताल की दयनीय स्थिति में सुधार लाने की मांग की थी.