साल में चार बार कैंप लगा कर करें जागरूक
रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने जादूगोड़ा स्थित माइंस से यूरेनियम उत्खनन से हो रहे प्रदूषण को लेकर स्वत संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की़ इसको लेकर यूरेनियम कॉरपोरेशन अॉफ इंडिया (यूसील) को निर्देश जारी किया. साथ ही विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट को देखते हुए याचिका निष्पादित की़ चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह […]
रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने जादूगोड़ा स्थित माइंस से यूरेनियम उत्खनन से हो रहे प्रदूषण को लेकर स्वत संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की़ इसको लेकर यूरेनियम कॉरपोरेशन अॉफ इंडिया (यूसील) को निर्देश जारी किया. साथ ही विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट को देखते हुए याचिका निष्पादित की़
चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने यूसीआइएल को कहा कि वर्ष में चार बार उक्त क्षेत्र में जागरूकता कैंप लगा कर लोगों को जागरूक करें. यूरेनियम से होनेवाले रेडिएशन, उसके दुष्प्रभाव आैर बचाव की भी जानकारी दें. खंडपीठ ने झालसा के सदस्य सचिव को भी जादूगोड़ा इलाके में रेडिएशन से हो रहे दुष्परिणाम पर जागरूकता कैंप लगाने का निर्देश दिया. उल्लेखनीय है कि रेडिएशन से हो रहे प्रदूषण आैर उसकी चपेट में आनेवाले लोगों से संबंधित खबर को हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.
बाद में कोर्ट ने सुनवाई के दाैरान एक विशेषज्ञ समिति का गठन कर रेडिएशन के प्रभावों का आकलन कर सुझाव मांगा था. समिति ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट को साैंप दी. इसमें यह कहा गया है कि स्थानीय समाचार पत्रों में छपी खबरों में जिन बीमारियों का उल्लेख किया गया है, वह बीमारी रेडिएशन से नहीं होती है. समिति की रिपोर्ट पर संतुष्टि जताते हुए खंडपीठ ने याचिका निष्पादित कर दी़