मुख्य मंदिर पहुंचे भगवान जगन्नाथ

आस्था. मौसीबाड़ी से विग्रहों को रथ पर आरुढ़ कर निकाली गयी रथ यात्रा रांची : वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच भगवान जगन्नाथ शुक्रवार को मौसीबाड़ी से मुख्य मंदिर आ गये. जय-जय जगन्नाथ के उद्घोष से मेला परिसर गूंजता रहा. इससे पूर्व रथ को आकर्षक तरीके से सजाया गया था. घुरती रथ यात्रा से पूर्व सुबह छह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2016 7:54 AM
आस्था. मौसीबाड़ी से विग्रहों को रथ पर आरुढ़ कर निकाली गयी रथ यात्रा
रांची : वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच भगवान जगन्नाथ शुक्रवार को मौसीबाड़ी से मुख्य मंदिर आ गये. जय-जय जगन्नाथ के उद्घोष से मेला परिसर गूंजता रहा. इससे पूर्व रथ को आकर्षक तरीके से सजाया गया था.
घुरती रथ यात्रा से पूर्व सुबह छह बजे से दोपहर 2.30 बजे तक श्रद्धालुओं ने भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र की पूजा-अर्चना की. इसके बाद सभी विग्रहों को एक-एक कर रथ पर रखा गया. तत्पश्चात सभी विग्रहों का शृंगार किया गया. वैदिक मंत्रोच्चार के बाद श्रीविष्णु सहत्रनाम का पाठ, पूजा-अर्चना व आरती हुई. इसके बाद श्रद्धालु रथ को मौसीबाड़ी खींचते हुए मुख्य मंदिर तक ले गये. बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था. रथ के ऊपर माइक पकड़े मंदिर के पुजारी ब्रजभूषण नाथ मिश्र यात्रा का संचालन कर रहे थे. रथ शाम को 5.20 बजे मुख्य मंदिर के पास पहुंचा. इसके बाद लोगों ने रथ पर ही सभी विग्रहों की पूजा-अर्चना की.
शाम 6.35 बजे से सभी विग्रहों को एक-एक कर मंदिर में प्रवेश कराया गया. मेला में आदिवासी सरना समिति, रथ मेला सुरक्षा समिति व जिला प्रशासन के जवान सुरक्षा की कमान संभाले हुए थे. इस अवसर पर हटिया डीएसपी शिवेंद्र कुमार, कांग्रेस नेता आलोक कुमार दुबे, भानु प्रताप सिंह, अभिषेक साहू, जगन्नाथ साहू, लाल चिंतामणि नाथ शाहदेव, लाल प्रवीण नाथ शाहदेव, लाल नवीन नाथ शाहदेव, मनोज तिवारी आदि उपस्थित थे.
..और भगवान जगन्नाथ हरिशयनम में चले गये
मुख्य मंदिर में माता लक्ष्मी का गुस्सा चरम पर था. भगवान जगन्नाथ को देखते ही मां लक्ष्मी द्वारा के समक्ष खड़ी हो गयी. भगवान जगन्नाथ माता लक्ष्मी को छोड़ कर मौसीबाड़ी चले गये थे. इसलिए मां लक्ष्मी नाराज थी. काफी मान-मनव्वल व एक घंटे तक वाद-विवाद के बाद भगवान जगन्नाथ को मुख्य मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति मिली. माता लक्ष्मी और भगवान जगन्नाथ की तरफ से पुजारियों ने वाकयुद्ध किया. इसके बाद एक-एक कर सभी विग्रहों की मंगल आरती हुई. इसके बाद भगवान जगन्नाथ हरिशयनम में चले गये.
बारिश होना सुख-समृद्धि का प्रतीक
मंदिर के प्रधान पुजारी ब्रजभूषण नाथ मिश्र ने कहा कि रथ यात्रा के दौरान बारिश होना सुख-समृद्धि का प्रतीक है. मान्यता है कि रथ यात्रा के दौरान बारिश होने से साल भर अच्छी बारिश होती है. खेती अच्छी होती है. लोगों को अनाज की कमी नहीं होती है.

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