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शीघ्र न्याय मिलना लोगों का हक

कार्यक्रम. झालसा के न्याय सदन में मध्यस्थता पर राज्य स्तरीय कनक्लेव, चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा रांची : लोगों का हक है कि उन्हें जल्द न्याय मिले. लोगों को न्याय के लिए इंतजार नहीं करना पड़े, ऐसी स्थिति बनानी होगी. उक्त बातें भारत के चीफ जस्टिस तीरथ सिंह ठाकुर ने कही. वे शनिवार को […]

कार्यक्रम. झालसा के न्याय सदन में मध्यस्थता पर राज्य स्तरीय कनक्लेव, चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा

रांची : लोगों का हक है कि उन्हें जल्द न्याय मिले. लोगों को न्याय के लिए इंतजार नहीं करना पड़े, ऐसी स्थिति बनानी होगी. उक्त बातें भारत के चीफ जस्टिस तीरथ सिंह ठाकुर ने कही. वे शनिवार को डोरंडा स्थित झालसा के न्याय सदन सभागार में मध्यस्थता विषय पर आयोजित राज्य स्तरीय कनक्लेव में बोल रहे थे.

चीफ जस्टिस ने कहा कि आम लोगों का सुप्रीम कोर्ट तक कानूनी लड़ाई लड़ना मुश्किल है.अदालतों में न्यायाधीशों की कमी है. इसे सरकार को देखना है. न्यायाधीशों की कमी दूर हो़ उनकी तादाद बढ़े, ताकि जरूरतमंदों को जल्द न्याय मिल सके.

चीफ जस्टिस ने मध्यस्थता पर कहा कि लीगल सर्विसेज का जो सिलसिला चल रहा है, वह अनवरत जारी रहेगा. जब तक इनसान में लालच बना रहेगा, मुकदमेबाजी होगी, तब तक लीगल सर्विसेज अॉथोरिटी की भूमिका बनी रहेगी. झारखंड में न्याय के क्षेत्र में काफी अच्छा काम हुआ है. राज्य सरकार इंस्टीट्यूशन को बढ़ावा दे रही है. झालसा की जो बिल्डिंग बननेवाली है, वह देश के लीगल सर्विसेज अॉथोरिटी के भवनों में सबसे बेहतर होगा. चीफ जस्टिस ने मध्यस्थता से मामलों के निष्पादन पर जोर दिया. मीडियेटरों का काम किसी जज से कम नहीं है. आप जिन्हें समझाते हैं, तो उन्हें यह भी बतायें कि यदि आप नहीं समझेंगे, तो आगे क्या हो सकता है.

नालसा सहित देश के अन्य राज्य अॉथोरिटी मध्यस्थता के माध्यम से 1.50 करोड़ मामले सुलझाते हैं. जो मीडियेटर सफल होते हैं, उन्हें तीन हजार रुपये दिये जाते हैं. यह राशि बढ़ाने की जरूरत है. चीफ जस्टिस ने यह भी कहा कि पूरे देश में एक लाख पारा लीगल वोलेंटियर बनाये गये हैं. लीगल क्लिनिक में दोस्ताना माहाैल बना रहे. लोगों को सरकारी खर्च पर नि:शुल्क सलाह दी जाये. गरीबों को न्याय मिले, लोग उसका लाभ उठायें. कार्यक्रम का संचालन उप सचिव संतोष कुमार व अन्य ने किया़ धन्यवाद ज्ञापन हाइकोर्ट के जस्टिस पीके मोहंती ने किया. मौके पर हाइकोर्ट के न्यायाधीशों के अलावा सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय, स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष राजीव रंजन, एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल कुमार कश्यप सहित राज्य भर से आये लगभग 50 मीडियेटर व अन्य लोग उपस्थित थे.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के जज व नालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस अनिल आर दवे ने कहा कि झालसा वंडरफुल काम कर रहा है. उन्होंने हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस डीएन पटेल के प्रयासों की भी सराहना की. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सिकरी ने कहा कि न्यायाधीशों की कमी से मामलों की सुनवाई प्रभावित होती है. वैसी परिस्थिति में जल्द न्याय पाने में मध्यस्थता का मार्ग सहायक हो सकता है.

मध्यस्थता में आपसी सहमति जरूरी है. मामलों में कमी लाने का यह सबसे अच्छा माध्यम है.

झारखंड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि मध्यस्थता का लाभ उठाना चाहिए. जस्टिस डिलिवरी सिस्टम में मध्यस्थता की भूमिका महत्वपूर्ण बन गयी है. इससे जल्द न्याय मिलता है. ट्रेंड मीडियेटरों की आवश्यकता है. इससे विभिन्न विषयों से जुड़े मामलों के निष्पादन में सफलता मिलती है. झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस डीएन पटेल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि मध्यस्थता के लिए सेवानिवृत्त आइएएस, आइपीएस, सीए, प्रोफेसर आदि को प्रशिक्षण दिया गया. उन्हें मध्यस्थता करने का दायित्व साैंपा गया. पूरे राज्य में मध्यस्थता से मामले निबटाने में 50 प्रतिशत सफलता मिली है. इसे 60 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य झालसा ने तय किया है. हाइकोर्ट में मध्यस्थता से 67 प्रतिशत सफलता मिली है.

न्याय डगर नामक पुस्तिका का विमोचन

इससे पूर्व झालसा की अोर से प्रकाशित न्याय डगर नामक पुस्तिका का चीफ जस्टिस ने विमोचन किया. इस मौके पर मध्यस्थता में बेहतर उपलब्धि हासिल करनेवाले मीडियेटरों को सम्मानित किया गया. इसमें जमशेदपुर के मीडियेटर राजेश दास, गिरिडीह की उर्मिला शर्मा आदि शामिल हैं. चीफ जस्टिस श्री सिंह ने बबन सरखेल व प्रियंका सरखेल को भी सम्मानित किया. झारखंड हाइकोर्ट की पहल से यह परिवार बिखरने से बचा था. इस मौके पर जुवेनाइल जस्टिस के तहत डीएलएसए रांची व जमशेदपुर को उपलब्ध कराये गये वाहनों को रवाना किया गया.

चीफ जस्टिस ने हिंदी में संबोधित किया : मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने राष्ट्रभाषा हिंदी में लोगों को संबोधित किया. उन्होंने अपने भाषण के दाैरान अंगरेजी के एक शब्द का भी उच्चारण नहीं किया. चीफ जस्टिस श्री ठाकुर शनिवार को झालसा के न्याय सदन में मध्यस्थता पर आयोजित राज्यस्तरीय कनक्लेव को संबोधित कर रहे थे.

चीफ जस्टिस ने रखी लॉयर्स एकेडमी की आधारशिला

रांची : भारत के प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर ने शनिवार को डोरंडा स्थित झारखंड स्टेट बार काउंसिल मुख्यालय परिसर में प्रस्तावित लॉयर्स एडेकमी की आधारशिला रखी.

प्रधान न्यायाधीश के साथ सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अनिल आर दवे, न्यायाधीश एके सिकरी, न्यायाधीश आर भानुमति, हाइकोर्ट के प्रधान न्यायाधीश वीरेंदर सिंह, न्यायाधीश पीके मोहंती, बार काउंसिल अॉफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने नारियल फोड़ कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. उन्होंने ईंटें जोड़ कर एकेडमी भवन की नींव रखी आैर शिलापट्ट का लोकापर्ण किया. मौके पर मणिपुर हाइकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस आरआर प्रसाद, इलाहाबाद हाइकोर्ट के जस्टिस प्रशांत कुमार, गुजरात हाइकोर्ट के जस्टिस पीपी भट्ट, झारखंड हाइकोर्ट के न्यायाधीशगण, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एसजे मुखोपाध्याय, स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष राजीव रंजन, उपाध्यक्ष राजेश कुमार शुक्ला, बीसीआइ के उपाध्यक्ष निलेश कुमार, काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष पीसी त्रिपाठी सहित अधिकारी, अधिवक्ता आदि मौजूद थे.

जस्टिस वीरेंदर सिंह व डीएन पटेल की तारीफ की : दोपहर में चीफ जस्टिस ने धुर्वा में निर्माणाधीन झारखंड हाइकोर्ट के नये परिसर में झारखंड लीगल सर्विसेज अॉथोरिटी (झालसा) के नये बिल्डिंग की आधारशिला रखी. उन्होंने कहा कि दो एकड़ में बननेवाला झालसा का यह भवन अगले सौ वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रख कर बनाया जा रहा है. बिल्डिंग काफी खुबसूरत बननेवाली है.

चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस डीएन पटेल की दूरदर्शिता की प्रशंसा की जानी चाहिए. उन्हें बताया गया है कि भवन का निर्माण दो साल में पूरा कर लिया जायेगा. इस माैके पर सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान व पूर्व जजों के अलावा मणिपुर हाइकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस, झारखंड हाइकोर्ट, गुजरात हाइकोर्ट व इलाहाबाद हाइकोर्ट के न्यायाधीशगण आदि उपस्थित थे. चीफ जस्टिस तीरथ सिंह ठाकुर ने बोकारो, खूंटी आैर दुमका में बननेवाले न्याय सदन सह एडीआर बिल्डिंग का भी शिलान्यास किया. यह शिलान्यास अॉनलाइन संपन्न हुआ.

छात्र की तरह सीखते रहें वकील : जस्टिस दवे

रांची : सुप्रीम कोर्ट के जज न्यायमूर्ति अनिल आर दवे ने कहा कि जजों और वकीलों को अपने पेशे में सफल होना है तो ताउम्र छात्र की भांति सीखते रहना चाहिए. श्री दवे शनिवार को ज्यूडिशियल एकेडमी में बार काउंसिल ऑफ इंडिया और झारखंड स्टेट बार काउंसिल की ओर से आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आज से ही झारखंड में लॉयर्स एकेडमी की स्थापना हो रही है. आने वाले वक्त में इसका लाभ दिखेगा. मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने राज्य के युवा वकीलों को स्टाइपेंड का चेक प्रदान किया.

सिर्फ किताबी ज्ञान से वास्ता नहीं रखें वकील : जस्टिस एके सिकरी : सतत कानूनी शिक्षा और उसके लाभ विषय पर बोलते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सिकरी ने कहा कि वकीलों को सिर्फ किताबी ज्ञान से ही वास्ता नहीं रखना चाहिए. उन्हें कोर्ट क्राफ्ट, प्लीडिंग, नैतिकता और ईमानदारी पर का भी ख्याल रखना चाहिए.

वैश्वीकरण के दौर में सशक्त बनें वकील : जस्टिस आर भानुमति :

जस्टिस आर भानुमति ने कहा कि वैश्वीकरण के युग में वकीलों को और भी सशक्त बनने की जरूरत है. मौजूदा समय में काफी प्रतिस्पर्द्धा है. सिर्फ सतही ज्ञान से बात नहीं बनेगी. वकीलों को लगातार अपडटे रहने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि एकेडमी की स्थापना और सेमिनार का आयोजन अच्छा कदम है. एनआर माधव मेनन की टीम इसके लिए बधाई की पात्र है. उन्होंने स्टेट बार काउंसिल से एकेडमी के लिए दी गयी भूमि के बदले लिए जाने वाले एक करोड़ रुपये को माफ करने की मांग भी की. यह भी कहा एकेडमी भवन के निर्माण में वरीय अधिवक्ता सहयोग करें, ताकि इसका निर्माण जल्द हो सके.

कानूनी पेशे की गुणवत्ता में अायी है कमी : मनन मिश्र : बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्र ने कहा कि मौजूदा समय में कानूनी पेशे की गुणवत्ता में कमी आयी है. इसके लिए सिर्फ बार काउंसिल ही जिम्मेवार नहीं है. इसमें सभी की भागीदारी है. उच्च कानूनी शिक्षा में बहुत कमियां हैं.स्वागत भाषण स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन राजीव रंजन और धन्यवाद ज्ञापन राजेश कुमार शुक्ल ने किया.

अमर बाउरी ने पढ़ा सीएम का संदेश : भू राजस्व मंत्री ने सेमिनार के दौरान सीएम रघुवर दास का संदेश पढ़ कर सुनाया. उन्होंने बताया कि पीएम के साथ आवश्यक बैठक में हिस्सा लेने के कारण सीएम हिस्सा नहीं ले पाये.

गुरु से ही अच्छे संस्कार मिलेंगे : जस्टिस दवे

रांची : सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस एआर दवे ने शनिवार को जेवीएम श्यामली में कानूनी साक्षरता क्लब का उदघाटन किया. यह क्लब जस्टिस एलपीएन शाहदेव की स्मृति में खोला गया है.

यहां पर विद्यालय के काॅमर्स और आर्ट्स के बच्चों को कानूनी सहायता संबंधी जानकारी दी जायेगी. इस मौके पर जस्टिस दवे ने कहा कि बच्चों को गुरु से ही अच्छे संस्कार मिलेंगे. इस तरह के क्लब के गठन से बच्चों में कानूनी समझ बढ़ाने में मदद मिलेगी. बच्चे कानून की बारीकियां और उससे निबटने के उपायों की जानकारी हासिल कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि इससे बच्चे खुद समझदार बनेंगे और समाज और देश को आगे बढ़ाने में मददगार साबित होंगे.

विद्यालय के प्राचार्य एके सिंह ने कहा कि जेवीएम श्यामली में 49 सौ से अधिक बच्चे हैं. यहां के बच्चे न सिर्फ इंजीनियरिंग और चिकित्सा में, बल्कि क्षेत्रों में भी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. मौके पर जस्टिस प्रकाश टाटिया, जस्टिस (सेवानिवृत्त) एसजे मुखोपाध्याय, झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस डीएन पटेल, मेकन के सीएमडी एके त्यागी, झारखंड स्टेट बार काउंसिल के राजीव रंजन, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष निलेश कुमार, विद्यालय प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष पीके सिंह, स्व जस्टिस एलपीएन शाहदेव के पुत्र प्रतुल शाहदेव आदि मौजूद थे.

चार दिवसीय बुक फेयर शुरू : विद्यालय परिसर में चार दिवसीय बुक फेयर का भी उदघाटन किया गया. अतिथियों ने बुक फेयर में लगे स्टॉलों का भ्रमण किया. फेयर में 10 से अधिक प्रकाशकों की पुस्तकें लगी हैं.

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