संस्था के पैसे से खरीदी निजी जमीन

गड़बड़ झाला. आदिवासी कृषक महिला कल्याण परिषद, मांडर से जुड़ा है मामला रांची : मांडर रांची के एक एनजीअो ‘आदिवासी कृषक महिला कल्याण परिषद’ के चेक से एक निजी जमीन खरीदी गयी है. संस्था के सचिव अफजल हुसैन ने हज हाउस के पीछे (वार्ड सं-29) स्थित 6.61 डिसमिल जमीन (थाना सं-208, खाता सं-125, प्लॉट सं-151) […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2016 7:50 AM
गड़बड़ झाला. आदिवासी कृषक महिला कल्याण परिषद, मांडर से जुड़ा है मामला
रांची : मांडर रांची के एक एनजीअो ‘आदिवासी कृषक महिला कल्याण परिषद’ के चेक से एक निजी जमीन खरीदी गयी है. संस्था के सचिव अफजल हुसैन ने हज हाउस के पीछे (वार्ड सं-29) स्थित 6.61 डिसमिल जमीन (थाना सं-208, खाता सं-125, प्लॉट सं-151) अपने नाम से खरीदी है. अफजल हुसैन ने खरीदी गयी जमीन पर साल भर में ही आलीशान मकान भी बनवा लिया है.
एक विधवा महिला मुनेजा खातून (पति स्व शेख जमात अली) से खरीदी गयी इस जमीन का निबंधन 21 जनवरी 2015 को हुआ है. जमीन बेचने के करार के तहत चेक से यह भुगतान अफसर आलम (जामिया नगर, कडरू) को किया गया है. मुनेजा खातून ने नौ अक्तूबर 2014 को अफसर के साथ अपनी जमीन बिक्री के लिए एकरारनामा किया था. जमीन की डीड पर गवाह के रूप में अफसर का नाम भी है.
प्रभात खबर को 13 लाख रुपये भुगतान के दो चेक मिले हैं, जिस पर संस्था के सचिव अफजल हुसैन तथा अध्यक्ष एतवा उरांव के हस्ताक्षर हैं. इंडियन बैंक की कडरू शाखा के चेक सं-445204 (दिनांक – 1.11.14) तथा यूनाइटेड बैंक अॉफ इंडिया, मेन रोड शाखा के चेक सं-828041 (दिनांक – 27.1.15) से क्रमश: अाठ लाख तथा पांच लाख का भुगतान अफसर आलम को किया है. दोनों बैंकों में संस्था के नाम से खाता है. इससे पहले 8.10.14 को भी पांच लाख का चेक अफसर को दिया गया था.
अफजल हुसैन पर हैं कई आरोप : दरअसल, विवाद तथा अफजल के बीच चोली-दामन का संबंध रहा है. अफजल की संस्था आदिवासी कृषक महिला कल्याण परिषद को श्रम विभाग ने 30 मार्च 2016 को चतरा में लाखों की वित्तीय गड़बड़ी के मामले में ब्लैक लिस्टेड कर दिया है. अफजल पर प्राथमिकी भी दर्ज की गयी है. इससे पहले अफजल पर मांडर में किसानों के स्वयं सहायता समूह के 25 लाख रुपये हड़प लेने तथा सेतू विद्यालय के शिक्षकों का वेतन पचा लेने जैसे आरोप लगे थे. वहीं इसपर मांडर के तत्कालीन बीडीअो एलएस नायक का जाली हस्ताक्षर कर प्रमाण पत्र तैयार करने का भी अारोप लगा था.
आदिवासी कृषक महिला कल्याण परिषद को चतरा में बाल श्रमिकों के संबंध में सर्वेक्षण का काम मिला था. पर इसने फरजी सर्वेक्षण कर 8.30 लाख रुपये का भुगतान पा लिया. अखबारों में यह समाचार छपने के बाद श्रम अधीक्षक, चतरा से मामले की जांच करायी गयी, जिसमें अारोप सही पाया गया. इसके बाद उपायुक्त चतरा ने संस्था को 30 मार्च को काली सूची में डाल दिया. इधर, ब्लैक लिस्टेड होने के बाद भी संस्था को हजारीबाग, गिरिडीह व रामगढ़ सहित अन्य जिलों से लगातार भुगतान किया जा रहा है. हजारीबाग में नौ लाख, सिमडेगा में 4.09 लाख तथा रामगढ़ में 1.97 लाख भुगतान की सूचना है.
मैंने अपनी संस्था के काम के लिए अफसर आलम से उधार लिया था. चेक से उधार के पैसे चुकाये गये हैं. मुनेजा खातून मेरी फुफु लगती हैं. जमीन उन्हीं से खरीदी गयी है.
अफजल हुसैन, सचिव, आदिवासी
कृषक महिला कल्याण परिषद, मांडर
मुझे कडरू में जमीन खरीदे जाने या किसी अफसर अालम को भुगतान की कोई जानकारी नहीं है. मैंने संबंधित चेक पर हस्ताक्षर भी नहीं किये हैं.
एतवा उरांव, अध्यक्ष, आदिवासी
कृषक महिला कल्याण परिषद, मांडर

Next Article

Exit mobile version