बारिश में हटा रहे हैं, तो कहां रहेंगे लोग

रांची: हाइकोर्ट ने बुधवार को बारिश के दौरान हिनू में चलाये जा रहे अतिक्रमण हटाअो अभियान को गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया. कोर्ट ने सभी परिदृश्यों को देखते हुए अतिक्रमण हटाअो अभियान को अविलंब रोकने को कहा. कोर्ट ने कहा कि अभी छह से आठ सप्ताह तक माॅनसून रहेगा. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2016 1:01 AM
रांची: हाइकोर्ट ने बुधवार को बारिश के दौरान हिनू में चलाये जा रहे अतिक्रमण हटाअो अभियान को गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया. कोर्ट ने सभी परिदृश्यों को देखते हुए अतिक्रमण हटाअो अभियान को अविलंब रोकने को कहा. कोर्ट ने कहा कि अभी छह से आठ सप्ताह तक माॅनसून रहेगा. कोर्ट ने महाधिवक्ता को निर्देश दिया यदि अभियान चल रहा है, तो उसे पांच मिनट में रुकवायें. राज्य सरकार से पूछा कि बरसात में मकान ध्वस्त किये जा रहे हैं, तो लोग कहां रहेंगे. इस अभियान से गरीब लोग सड़कों पर आ गये हैं. उनमें से कई बीमार हैं, तो कई चलने में असमर्थ हैं. प्रभात खबर में प्रकाशित खबर पर खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान लिया.
कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि कल्याणकारी राज्य है. पब्लिक लैंड पर अतिक्रमण कर रह रहे गरीब लोगों को हटाने के पूर्व उनके पुनर्वास के लिए योजना तैयार की जानी चाहिए. जैसा की इसलाम नगर के मामले में किया गया है.

चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव, नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव, उपायुक्त, एसएसपी व नगर आयुक्त को प्रतिवादी बनाते हुए नोटिस जारी करने का निर्देश दिया. उन्हें शपथ पत्र दाखिल करने को कहा गया. वहीं रांची के उपायुक्त को अगली सुनवाई के पहले विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. रिपोर्ट में इस बात की पूरी जानकारी दी जाये कि किसने अतिक्रमण किया है व अतिक्रमण हटाअो अभियान से काैन-काैन व्यक्ति/परिवार प्रभावित हुए हैं. इसकी अलग से सूची दी जाये. खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 जुलाई की तिथि निर्धारित की. खंडपीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि किसी भी मामले में अवैध अतिक्रमण को किसी भी कीमत पर बरदाश्त नहीं किया जा सकता है.

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