आदिवासी जमीन को कब्जे से मुक्त कराये सरकार
केंद्रीय सरना समिति व अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की संयुक्त बैठक रांची : केंद्रीय सरना समिति व अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद ने मांग की है कि सरकार रांची जिले में गैर आदिवासियों द्वारा हड़पी गयी हर तरह की आदिवासी जमीन को कब्जा से मुक्त कराये़ इस मुद्दे पर शुक्रवार को सत्यनारायण लकड़ा की […]
केंद्रीय सरना समिति व अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की संयुक्त बैठक
रांची : केंद्रीय सरना समिति व अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद ने मांग की है कि सरकार रांची जिले में गैर आदिवासियों द्वारा हड़पी गयी हर तरह की आदिवासी जमीन को कब्जा से मुक्त कराये़ इस मुद्दे पर शुक्रवार को सत्यनारायण लकड़ा की अध्यक्षता में समिति के केंद्रीय कार्यालय में हुई संयुक्त बैठक में जादो उरांव, बलकू उरांव, जयराम किस्पोट्टा, कृष्णकांत टोप्पो, अजय लिंडा, रूपचंद केवट व अन्य ने कहा कि जब सीएनटी वर्ष 1908 में लागू हुआ था, तब रांची जिला में मात्र एक राजस्व थाना था़ रांची जिले का कोई आदिवासी अपने जिले के किसी दूसरे आदिवासी की जमीन ले सकता था़ इस अधिनियम में कोई संशोधन नहीं किया गया है़ जिला प्रशासन की गलत नीतियों के कारण राजस्व थाना को पुलिस थाना बता कर भ्रामक प्रचार किया गया है़
उन्होंने कहा कि आदिवासी नेताओं-अफसरों द्वारा इस एक्ट के उल्लंघन का गलत मामला इसलिए उछाला जा रहा है, ताकि रांची में गैर आदिवासियों द्वारा हड़पी गयी हजारों एकड़ आदिवासी जमीन और उन पर हुए अवैध निर्माण की तरफ से लोगों का ध्यान हटाया जा सके़ जमीन का अवैध हस्तांतरण उपायुक्त की अनुमति से होता है और प्रथमद्रष्टया वे ही दोषी हैं, इसलिए उन पर कार्रवाई होनी चाहिए़ बैठक में बाना मुंडा, प्रदीप लकड़ा, भुनू तिर्की, संदीप उरांव, हरि मिंज, फूलचंद तिर्की, आकाश उरांव, हेमंत कुजूर, शोभा कच्छप, नीरा टोप्पो व अन्य मौजूद थे़