रांची का मास्टर प्लान खारिज करने की मांग

रांची: आदिवासी बुद्धिजीवी मंच ने रांची नगर निगम के सीइओ को ज्ञापन सौंप कर रांची मास्टर प्लान- 2037 खारिज करने की मांग की है. मंच के जुल्लेन विकास सांगा ने कहा कि इस मास्टर प्लान में विकास के लिए भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 के प्रावधानों को आधार बनाया गया है, जो असंवैधानिक है. क्योंकि, राज्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:40 PM

रांची: आदिवासी बुद्धिजीवी मंच ने रांची नगर निगम के सीइओ को ज्ञापन सौंप कर रांची मास्टर प्लान- 2037 खारिज करने की मांग की है. मंच के जुल्लेन विकास सांगा ने कहा कि इस मास्टर प्लान में विकास के लिए भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 के प्रावधानों को आधार बनाया गया है, जो असंवैधानिक है. क्योंकि, राज्य के 12 जिले, तीन प्रखंड व दो पंचायत अनुसूचित क्षेत्र हैं. इसे राष्ट्रपति ने 11 अप्रैल 2007 को पुन: घोषित किया है.

रांची जिले को भी अनुसूचित जिले के रूप में शामिल किया गया है. ज्ञापन में कहा गया है कि यहां सीएनटी एक्ट प्रभावी है और अजा, अजजा व पिछड़े वर्ग की जमीन के हस्तांतरण पर कानूनी रोक है. हाइकोर्ट ने भी 25 जनवरी 2012 के एक फैसले में राज्य सरकार को सीएनटी एक्ट का अनुपालन सख्ती से कराने का निर्देश दिया है.

छोटानागपुर प्रमंडल के उपायुक्त आज भी भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 के प्रावधानों के तहत अजा, अजजा व पिछड़े वर्ग की जमीन का अधिग्रहण गैरकानूनी तरीके से कर रहे हैं. मास्टर प्लान 2037 के लिए भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 का इस्तेमाल नहीं किया जाये.

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