अपहरण के बाद अपराधी रंजीत रंजन ने रमोद के पिता बलराम तिवारी को फोन पर कहा कि मैं रांची पुलिस का जवान बोल रहा हूं. आपका पुत्र 150 किलो गांजा के साथ रांची में पकड़ा गया है. बाद में रंजीत ने बलराम तिवारी को कहा कि आपके पुत्र का अपहरण कर लिया गया. अगर अपने पुत्र को जीवित देखना चाहते हैं, तब 10 लाख रुपये रांची लेकर आ जाइए. सूचना मिलने पर बलराम तिवारी रुपये लेकर रविवार की सुबह रांची पहुंचे. अपराधियों ने उन्हें पहले ओरमांझी रिंग रोड के पास बुलाया. जब वहां पहुंचने में बलराम तिवारी ने असमर्थता जतायी, तब अपराधी उन्हें रुपये लेकर लालपुर थाना क्षेत्र स्थित एक होटल के समीप बुलाया.
परिजनों ने इससे पहले ही रांची पुलिस से संपर्क किया था. सूचना मिलने पर एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने सिटी एसपी कौशल किशोर और सिटी डीएसपी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया. टीम में लालपुर थाना प्रभारी रमोद नारायण सिंह और सदर थाना प्रभारी भोला प्रसाद को शामिल किया गया. दोनों थाना प्रभारी सिविल ड्रेस में लालपुर थाना क्षेत्र स्थित एक होटल के समीप पहुंचे. जहां से पुलिस ने अपहरण के एक आरोपी छपरा निवासी रंजीत रंजन को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन रंजीत का सहयोगी मनीष गोप बाइक से वहां से भागने में सफल रहा. इसके बाद पलिस ने अपराधियों का पीछा करना शुरू किया.
रंजीत रंजन ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि रमोद तिवारी और श्रीकांत को सीठियो के आगे कलिंडे गांव स्थित एक जंगल में बंधक बना कर रखा गया है. तब पुलिस की टीम ने वहां छापेमारी की. पुलिस को देखते ही अपराधी प्रकाश यादव ने पुलिस पर फायरिंग करने के लिए पिस्टल तान दी. प्रकाश यादव के साथ एक अन्य अपराधी मनीष गोप भी था. दोनों थाना प्रभारी के पास हथियार नहीं थे. जब पीछे से एक जवान पहुंचा और एके-47 अपराधियों पर तान दी, तब दोनों अपराधी पुलिस से बचने के लिए वहां से भागने लगे. पुलिस ने जंगल में खदेड़ कर प्रकाश यादव और मनीष गोप दोनों को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद पुलिस ने अपराधियाें के चंगुल रमोद तिवारी और श्रीकांत को मुक्त कराया. अपराधियों ने दोनों को कार में बंधक बना कर रखा था. पुलिस ने अपहरण की घटना में प्रयुक्त कार व एक एक लोडेड पिस्टल भी बरामद किया है. अपराधी मनीष गोप बरलंगा का और प्रकाश यादव धुर्वा का रहनेवाला है. पुलिस के अनुसार दोनों पूर्व में जेल जा चुके हैं.