अमेरिका से आए जूआन सेबेटर ने कहा, व्यवसाय से पहले उतार चढ़ाव का आकलन जरूरी
रांची: अमेरिकी काउंसुलेट कोलकाता और स्वंयसेवी संस्था द बटरफ्लाई प्रोजेक्ट की तरफ से सोमवार को रांची में युवा उद्यमियों को सामर्थ्यवान बनाने के लिए कार्यशाला आयोजित की गयी. अमेरिकी कंपनी वैलोर इक्विटी पार्टनर्स के पार्टनर जूआन सेबेटर ने प्रबंधन संस्थान और रांची विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि स्टार्ट अप बिजनेस के […]
रांची: अमेरिकी काउंसुलेट कोलकाता और स्वंयसेवी संस्था द बटरफ्लाई प्रोजेक्ट की तरफ से सोमवार को रांची में युवा उद्यमियों को सामर्थ्यवान बनाने के लिए कार्यशाला आयोजित की गयी. अमेरिकी कंपनी वैलोर इक्विटी पार्टनर्स के पार्टनर जूआन सेबेटर ने प्रबंधन संस्थान और रांची विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित किया.
उन्होंने कहा कि स्टार्ट अप बिजनेस के लिए स्पष्ट व्यावसायिक दृष्टिकोण तथा सही लक्ष्य की जरूरत है. श्रीकृष्ण लोक प्रशासन सेवा संस्थान में आयोजित कार्यशाला में उन्होंने कहा कि किसी भी व्यवसाय को शुरू करने के लिए उसकी परिकल्पना, बजटिंग और व्यावसायिक उतार-चढ़ाव का आकलन करना जरूरी है. इसमें यह भी ध्यान देने की जरूरत है कि बाजार में कौन-कौन से सेक्टर में विकास हो रहा है. इसलिए वैसे ही सेक्टर का चुनाव करना चाहिए, जहां निवेश का सही रिटर्न मिल सके. उन्होंने कहा कि बहती नदी के विपरीत व्यावसायिक सेक्टर का चुनाव करने से खतरा और जोखिम दोनों बना रहता है. बिजनेस में सभी चीजें और पहलू जिम्मेवार होते हैं. इसलिए फायदे और नुकसान के मायनों की अनदेखी करना उचित नहीं है.
व्यवसाय से संबंधित दस्तावेज हों सशक्त : जूआन सेबेटर ने कहा कि निवेशक किसी भी उद्योग अथवा व्यवसाय में तभी निवेश करते हैं, जब उन्हें यह लगता है कि उनकी निवेश की राशि सही तरीके से उन्हें वापस कर दी जायेगी. इसके कई पहलू हैं. घरेलू स्तर पर भी पारिवारिक निवेश होता है, पेशेवर भी निवेश करते हैं और बैंकर कर्ज देकर अपनी राशि की सुरक्षित वापसी चाहते हैं. इन सभी के लिए यह जरूरी है कि व्यवसाय से संबंधित रिपोर्ट और दस्तावेज कितने सशक्त और मजबूत हैं.
युवा उद्यमियों के पास सूचना और पूंजी का अभाव : काउंसुलेट कार्यालय के पब्लिक एफेयर अधिकारी एंड्रू पोसनर ने विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि पूर्वी भारत में युवा उद्यमी अपना उद्योग स्थापित तो करना चाहते हैं, पर उनमें सूचना और पूंजी के बारे में जानकारी का अभाव है. उन्होंने कहा कि पूर्वी भारत में स्थापित हो रहे इंक्यूबेशन सेंटर और स्टार्ट अप के लिए अमेरिकी काउंसुलेट सहयोग कर रहा है. बटरफ्लाइ प्रोजेक्ट की मलविका शर्मा ने कहा कि स्टार्ट अप बिजनेस के लिए संस्था एक उपयुक्त माहौल स्थापित कर रही है.