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रिम्स के 840 आउटसोर्सिंग कर्मियों को 11 माह से नहीं मिल रहा वेतन

वेतन नहीं मिलने से कर्मियों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. वेतन मांगने पर कभी-कभी कर्मियों को निकालने की भी धमकी दी जाती है.

अजय दयाल, रांची. राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स की व्यवस्था पूरी तरह आउटसोर्सिंग (ठेका) पर निर्भर है. वहीं, अस्पताल में आउटसोर्सिंग पर बहाल 840 से अधिक कर्मियों को 11 महीने से वेतन नहीं मिला है. इस कारण उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. इनमें लगभग 400 सफाईकर्मी, 300 वार्ड ब्वॉय, 90 ट्राॅली मैन व 50 लाउंड्री कर्मी शामिल हैं.

बताया जाता है कि बिल जमा होने के बाद रिम्स के क्लर्कों द्वारा बिल को लटका दिया जाता है. इस कारण कर्मियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. पेमेंट के लिए जब कर्मी आवाज उठाते हैं, तो बीच में उन्हें एक माह का वेतन देकर चुप करा दिया जाता है. कभी-कभी आवाज उठाने पर उन्हें निकालने की भी धमकी दी जाती है. ज्ञात हो कि आउटसोर्सिंग एजेंसी को रिम्स की ओर से करोड़ों रुपये का पेमेंट किया जाता है. रिम्स में पिछले 15 वर्षों से आउटसोर्सिंग कर्मियों से काम लिया जा रहा है.

बोले अधिकारी

एजेंसी के संचालकों को हर तीन महीने पर बिल जमा करने को कहा गया है. बिल जमा करने के बाद पूरी जांच के बाद पेमेंट किया जाता है. इसमें कभी-कभी देर भी होती है. रिम्स प्रशासन ने आउटसोर्सिंग कंपनियों को अपने कर्मियों को पीएफ और मेडिकल सुविधा देने को भी कहा है. श्रम विभाग के आदेश पर वे लोग अपने कर्मियों को मेडिकल के लिए इएसआइ कार्ड भी बनाते हैं.

हीरेंद्र बिरूआ, रिम्स अधीक्षकB

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