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रोड-नाली बनानेवाली संस्था बन कर रह गयी आयडा

जमशेदपुर: पिछले 16 वर्षों में आयडा के अध्यक्ष पद पर सिर्फ एक व्यक्ति लक्ष्मण टुडू का पदस्थापन किया जा सका है. उसके पहले और बाद से यह पद पूरी तरह खाली रहा है. आयडा की अपनी जमीन तक नहीं है. एक अनुमान के मुताबिक, करीब 3500 करोड़ रुपये का निवेश किया जाना है, लेकिन अब […]

जमशेदपुर: पिछले 16 वर्षों में आयडा के अध्यक्ष पद पर सिर्फ एक व्यक्ति लक्ष्मण टुडू का पदस्थापन किया जा सका है. उसके पहले और बाद से यह पद पूरी तरह खाली रहा है. आयडा की अपनी जमीन तक नहीं है. एक अनुमान के मुताबिक, करीब 3500 करोड़ रुपये का निवेश किया जाना है, लेकिन अब तक निवेश का कोई रास्ता नहीं निकल पाया है. उद्योगों की स्थापना के लिए भी कोई कदम नहीं उठाया गया है.
10 साल में नहीं खुल पाया आयडा का सेज : वर्ष 2006 में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने टाटा स्टील के साथ पार्टनरशिप करते हुए आयडा की 90 एकड़ जमीन पर सेज (स्पेशन इकोनॉमिक जोन) स्थापित करने की आधारशिला रखी थी. अनुमान था कि करीब एक हजार करोड़ रुपये का निवेश ऑटो के क्षेत्र में होगा, लेकिन आधारशिला रखने के बाद से आज तक कोई काम नहीं हो पाया है.
तमाम योजनाएं ठंडे बस्ते में : झारखंड गठन के पहले से ही आयडा की ओर से सिटी सेंटर की स्थापना होनी थी. इसमें आधुनिक शॉपिंग मॉल की स्थापना और क्लब की सुविधा उपलब्ध करायी जानी थी, जो नहीं हो पायी. 200 एकड़ जमीन पर उद्यमियों के हाउसिंग कॉलोनी की स्थापना की जानी थी, जो अब तक नहीं हो सकी. जमशेदपुर में अरबन हाट भी खोला जाना था, लेकिन 16 वर्षों वह भी नहीं हो सका.
2009 से अब तक वेबसाइट अपडेट नहीं : आयडा क्षेत्र में उद्योगों का जाल बिछाने का दावा किया जा रहा है. लेकिन आयडा क्षेत्र में वर्ष 2009 से अब तक उसकी वेबसाइट तक अपडेट नहीं की गयी है. इसमें उपलब्ध करायी गयी आधी से ज्यादा जानकारी अधूरी है.
1972 से संचालित हो रहा आयडा : वर्ष 1972 से आयडा का संचालन हो रहा है. यहां पहले एमडी आइएन ठाकुर रहे हैं. मुख्यमंत्री रघुवर दास के प्रधान सचिव संजय कुमार का भी 1998 में आयडा के एमडी के तौर पर पदस्थापन हुआ था. 23 दिसंबर 1998 से 2 मार्च 1999 तक वे यहां पदस्थापित थे. इसके बाद से लगातार अायडा में प्रभार का ही पदाधिकारी तैनात किया गया था.
हम बेहतर काम कर रहे हैं : सचिव
आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (आयडा) के सचिव हरि कुमार केशरी ने बताया कि आयडा क्षेत्र में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है. हम बेहतर तरीके से काम कर रहे हैं. हां, कोई नया निवेश नहीं हो पायेगा, लेकिन हम लोग नाली, रास्ता, सड़क से लेकर तमाम चीजें दुरुस्त कर रहे हैं, जो रूटीन का काम है. फिलहाल कोई ज्यादा प्रोेजेक्ट आने वाला भी नहीं है, क्योंकि जमीन की उपलब्धता भी नहीं है. इस कारण इस पर अभी ज्यादा बातचीत नहीं की जा सकती है. सिर्फ रोड और रास्ता पर ही बात हो सकती है.
इस तरह की कंपनियां हैं
मशीनिंग व फेब्रिकेशन 470
मिनरल बेस्ड 836
प्लास्टिक व रबर 44
केमिकल इंडस्ट्रीज 33
फूड व बेवरेजेज 1
दवाएं 4
इलेक्ट्रिकल 21
स्पंज आयरन पिग आयरन 4
एलपीजी बॉटलिंग 2
ऑटो बॉडी बिल्डिंग 20
फेरस इंडक्शन कास्टिंग 36
फोर्जिंग 15
आइएसओ 9000 यूनिट 79
क्यूएस 9000 यूनिट 14
आइएसओ 14001 इएमएस 2
टीएस 16949 4
सौ फीसदी एक्सपोर्ट यूनिट 4
एक्सपोर्ट ओरिएंटेड यूनिट 16

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