रांची: झारखंड में लोकसभा के 14 सांसद हैं. इनका कार्यकाल मई माह में खत्म होनेवाला है. अब तक किसी भी सांसद को पूरी राशि नहीं मिली है. पांच साल के कार्यकाल में इन्हें 25 करोड़ रुपये मिलने हैं.
2009-13 तक सबसे अधिक राशि चतरा और धनबाद के सांसद को आवंटित की गयी है. सांसद राशि खर्च करने के मामले में पहले स्थान पर दुमका के सांसद शिबू सोरेन हैं. वह अब तक 15 करोड़ 80 लाख रुपये खर्च कर चुके हैं. उन्हें भारत सरकार ने 14 करोड़ 14 लाख रुपये आवंटित किये हैं, लेकिन उनके सांसद निधि के खाते में सूद समेत 16 करोड़ 95 लाख रुपये थे. कम खर्च करने के मामले में कोडरमा के सांसद बाबूलाल मरांडी का नाम आता है. उन्हें सांसद निधि के लिए 11 करोड़ 64 लाख रुपये का आवंटन मिला है. इसमें से मात्र चार करोड़ 55 लाख रुपये ही खर्च हो पाये हैं. दूसरे स्थान पर गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे हैं. उन्हें अब तक सरकार ने 11 करोड़ 64 लाख रुपये आवंटित किया है. इसमें सात करोड़ दो लाख रुपये ही खर्च हो पाये हैं.
मधु कोड़ा को मिले मात्र पौने सात करोड़ रुपये
मधु कोड़ा को छह करोड़ 64 लाख रुपये आवंटित किया गया है. इसमें से उन्होंने पांच करोड़ 34 लाख रुपये खर्च कर दिये हैं. सांसद ने छह करोड़ 74 लाख रुपये के काम की अनुशंसा कर दी है. सांसद ने 80 फीसदी खर्च का उपयोगिता प्रमाण पत्र भी भारत सरकार को उपलब्ध करा दिया है.
उपयोगिता प्रमाण पत्र देने में भी बाबूलाल पीछे
बाबूलाल मरांडी की सांसद निधि की खर्च राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र भी नहीं दिया जा रहा है. जितनी राशि सरकार ने उपलब्ध करायी है, उसमें से मात्र 39.08 फीसदी का उपयोगिता प्रमाण पत्र दिया गया है. सांसद शिबू सोरेन की सांसद निधि का शत प्रतिशत उपयोगिता प्रमाण पत्र भारत सरकार को दे दिया गया है. देवीधन बेसरा द्वारा खर्च की गयी राशि का 43 फीसदी का उपयोगिता प्रमाण पत्र केंद्र को मिला है.