पंचायतनामा और जेएलपीएस की पहल, महिलाओं को मिलेगी पत्रकारिता की ट्रेनिंग
रांची: देश में पहली बार हिंदी पाक्षिक अखबार पंचायतनामा और झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (आजीविका) राज्य की ग्रामीण महिलाओं की सशक्तीकरण के लिए ग्रामीण पत्रकारिता का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कर रहा है. पंचायतनामा व आजीविका के बीच इस संबंध में शुक्रवार को एक करार भी हुआ. करार पर आजीविका के सीइओ पारितोष उपाध्याय व प्रभात […]
रांची: देश में पहली बार हिंदी पाक्षिक अखबार पंचायतनामा और झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (आजीविका) राज्य की ग्रामीण महिलाओं की सशक्तीकरण के लिए ग्रामीण पत्रकारिता का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कर रहा है. पंचायतनामा व आजीविका के बीच इस संबंध में शुक्रवार को एक करार भी हुआ. करार पर आजीविका के सीइओ पारितोष उपाध्याय व प्रभात खबर के बिजनेस हेड (झारखंड) विजय बहादुर ने हस्ताक्षर किये.
पंचायतनामा व आजीविका मिशन की ओर से राज्य की ग्रामीण महिलाओं के लिए ग्रामीण पत्रकारिता का एक खास पाठ्यक्रम तैयार किया गया है. इस कार्यक्रम में उन महिलाओं को ही प्रशिक्षित किया जायेगा, जो आजीविका मिशन की सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी हुई हैं.
चयनित महिलाओं के लिए प्रभात खबर परिसर में छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण दिया जायेगा. फिर प्रशिक्षित महिलाओं को एक महीने तक पंचायतनामा की ओर से फील्ड प्रशिक्षण क्षेत्र में कार्यरत पत्रकारों की ओर से मुहैया कराया जायेगा. इस कार्यक्रम में प्रशिक्षित महिलाओं को प्रकाशित खबरों पर पंचायतनामा की ओर से पारिश्रमिक का भुगतान भी किया जायेगा.
आजीविका मिशन के कम्यूनिकेशन अधिकारी कुमार विश्वास ने बताया कि पहले बैच के प्रशिक्षणार्थियों के चयन की प्रक्रिया एक सप्ताह के अंदर पूरी कर ली जायेगी. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य गांव की कहानियों को बहुत ही सहजता के साथ मुख्यधारा की पत्रकारिता में लाना है. पत्रकारिता की पहुंच बढ़ी है, लेकिन अभी तक गांवों की कहानियां, जिनमें व्यक्तिगत सफलता, असफलता, परेशानियां, योजनाओं में गड़बड़ी से लेकर उनके क्रियान्वयन की मुश्किलों की खबर तब तक बाहर नहीं आ पाती है, जब तक कुछ सनसनी नहीं हो. एेसे में पंचायतनामा व आजीविका मिशन इस कार्यक्रम के जरिए एेसी महिला पत्रकारों को तैयार करने की कोशिश कर रहा है, जिनसे फर्स्ट हैंड रिपोर्ट हासिल हो सके.