मूल रैयतों के हक के साथ नहीं होगा खिलवाड़ : सीएम
रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि मूल रैयतों के हक के साथ खिलवाड़ नहीं किया जायेगा. सभी को उचित मुआवजा मिलेगा. सुविधाएं दी जायेंगी. सरकार जमीन अधिग्रहण के कारण विस्थापित हो रहे लोगों को झारखंडवासी होने की पहचान देने का काम करेगी. आरएनआर कॉलोनी का निर्माण कार्य रोका जा रहा है. सरकार इसकी थर्ड […]
रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि मूल रैयतों के हक के साथ खिलवाड़ नहीं किया जायेगा. सभी को उचित मुआवजा मिलेगा. सुविधाएं दी जायेंगी. सरकार जमीन अधिग्रहण के कारण विस्थापित हो रहे लोगों को झारखंडवासी होने की पहचान देने का काम करेगी. आरएनआर कॉलोनी का निर्माण कार्य रोका जा रहा है. सरकार इसकी थर्ड पार्टी जांच करायेगी. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी. नेतागीरी व उग्रवाद के नाम पर गुंडागर्दी करनेवालों की अब नहीं चलेगी.
मुख्यमंत्री मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन में एनटीपीसी मामले में बड़कागांव के ग्रामीणों और क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों के साथ वार्ता कर रहे थे. मौके पर केंद्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, विधायक मनीष जायसवाल, निर्मला देवी, जिला परिषद की अध्यक्ष सुशीला देवी व पूर्व विधायक लोकनाथ महतो समेत रैयतों व ग्रामीणों ने अपने-अपने सुझाव दिये. बैठक में विकास आयुक्त अमित खरे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, राजस्व विभाग के सचिव केके सोन आदि मौजूद थे.
पांच साल तक काम शुरू नहीं हुआ, तो जमीन वापस : मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन अधिग्रहण के पांच साल तक यदि काम शुरू नहीं किया गया, तो रैयतों को जमीन वापस कर दी जायेगी. ऐसा नियम बनाया गया है. विस्थापितों को वहां चल रहे कामों में प्राथमिकता मिले, सरकार इसके पक्ष है. कुछ लोग ग्रामीणों को बरगला कर राजनीति करने में लगे हुए हैं. इनके बहकावे में न आयें. सरकार रैयतों व किसानों के साथ है. उनके अधिकारों को हनन होने नहीं दिया जायेगा.
लोगों को नौकरी देने की दिशा में चल रहा है काम : मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार लोगों को स्किल्ड कर नौकरी देने की दिशा में काम कर रही है. बड़ागांव, केरेडारी समेत अन्य गांव के लोग भी इसका लाभ ले सकते हैं. रक्षा शक्ति विवि में सितंबर से सत्र शुरू हो रहा है. इसमें स्नातक पास छात्र नामांकन करा सकते हैं. उन्हें तीन साल का कोर्स कराया जायेगा. कोर्स पूरा होते ही झारखंड सीआइएसएफ में शत प्रतिशत नौकरी मिलेगी. इसी तरह 10वीं पास तक के बच्चे एक साल का कोर्स कर सकते हैं, उन्हें भी सीधी नौकरी मिलेगी. राज्य में अस्पताल, मेडिकल कॉलेज आदि खोले जा रहे हैं. यहां आठवीं पास बालिकाएं छह माह का प्रशिक्षण प्राप्त कर हाउस कीपिंग आदि की नौकरी पा सकेंगी. दूसरे प्रदेशों में मजबूरी में काम कर रहे झारखंड के लोगों से वापस लौटने की अपील की जायेगी. उन्हें प्रशिक्षित कर नौकरी दी जायेगी.