झारखंड विधानसभा में सर्वसम्मति से पास हुआ जीएसटी बिल

रांची : झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में आज सर्वसम्मति से वस्तु एवं सेवा कर विधेयक (जीएसटीबिल) पारित हो गया. झारखंड देश का तीसरा राज्य है, जहां जीएसटी बिल पारित हो गया. इससे पहले असम व बिहार विधानसभा ने जीएसटी बिल पारित किया है. असम में पिछले सप्ताह, जबकि बिहार में कल जीएसटी बिल पारित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 17, 2016 2:09 PM

रांची : झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में आज सर्वसम्मति से वस्तु एवं सेवा कर विधेयक (जीएसटीबिल) पारित हो गया. झारखंड देश का तीसरा राज्य है, जहां जीएसटी बिल पारित हो गया. इससे पहले असम व बिहार विधानसभा ने जीएसटी बिल पारित किया है. असम में पिछले सप्ताह, जबकि बिहार में कल जीएसटी बिल पारित हुआ. बिल को पारित करने से पहले विधानसभा में आज जीएसटी बिल पर सत्ता पक्ष व विपक्ष ने चर्चा की और अपने-अपने तरीके से इसमें खुबियां व खामियां गिनायीं.

झारखंड के संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय ने सदन के पटल पर जीएसटी बिल पेश किया और इसे व्यापक वित्तीय सुधार वाली पहल बताया. उन्होंने कहा कि एक टैक्स सिस्टम सेआम लोगों को लाभ होगा.उन्होंने कहा कि इससे खनिजपर टैक्स नहीं लगेगा. वहीं, मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बिल पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि जीएसटी बिल से भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगा और अपने देश में एक टैक्स कानून चलेगा. रघुवर दास ने कहा कि भ्रष्ट नेताओं व अफसरों ने विदेश में अकूत संपत्ति बना रखी है. उन्होंने कहा कि अभी भी वैट लागू है. पश्चिम बंगाल, झारखंड व बिहार में अलग-अलग वैट है. उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद कंज्यूमर व निवेशक दोनों को लाभ होगा. रघुवर दास ने कहा कि झारखंड से पलायन का कोई जवाब नहीं देता. उन्होंने कहा कि जीएसटी से खनन आधारित राज्य झारखंड को लाभ होगा. यहां उद्योग लगेंगे, लोग जमीन देने को तैयार हैं, सरकार सुविधा देने को तैयार है. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या मोदी जी ने गरीबी पैदा कर दी है या हमारी 17 महीने की सरकार ने राज्य में गरीबी उत्पन्न की है.

विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने इस विधेयक पर आपत्तियां दर्ज कराते हुए कहा कि सरकार ने आदेशपाल की तरह जीएसटी बिल लाया. उन्होंने कहा कि इस पर व्यापक चर्चा होनी चाहिए थी. हेमंत ने जीएसटी बिल पर आपत्तियां दर्ज कराते हुए कहा कि जीएसटी लागू होने से केंद्र का हस्तक्षेप बढ़ जायेगा और चाह कर भी राज्य सरकार कुछ नहीं कर पाएगी.

Next Article

Exit mobile version