रांची:किताब की छपाई में पेनाल्टी राशि का गलत तरीके से भुगतान मामले में मुख्यमंत्री के आदेश के आठ माह बाद भी कार्रवाई नहीं हुई. प्रकाशकों को गलत तरीके से दिये गये 7.52 करोड़ रुपये की वसूली किससे हो यह तय नहीं हो पाया है. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इस संबंध में विधि विभाग से राय मांगी थी.
जुलाई में विधि विभाग से स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को फाइल वापस की गयी. स्कूली शिक्षा विभाग के अधिकारी के अनुसार विधि विभाग द्वारा इस संबंध में स्पष्ट राय नहीं दी गयी है, इसलिए फाइल फिर से विधि विभाग को भेजी जायेगी. उल्लेखनीय है कि झारखंड शिक्षा परियोजना ने शर्त के अनुरूप किताब की छपाई नहीं करनेवाले प्रकाशकों से दंड स्वरूप 7.52 करोड़ रुपया काट लिया गया था.
प्रकाशकों पर जुर्माना वर्ष 2007-08 से 2012-13 तक के लिए लगाया गया था. पूर्व शिक्षा सचिव सह झारखंड शिक्षा परियोजना के निदेशक बीके त्रिपाठी के कार्यकाल में प्रकाशकों पर लगायी गयी पेनाल्टी राशि का भुगतान किया गया था. बाद में मामले की जांच के लिए सरकार ने विकास आयुक्त की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गयी थी़ कमेटी में योजना सह वित्त विभाग के प्रधान सचिव व कार्मिक सचिव शामिल थे़ जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में राशि भुगतान में वित्तीय व प्रक्रियात्मक अनियमिताओं की बात कही है़.
सीएम ने दिया था कार्रवाई का आदेश
21 दिसंबर 2015 को मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कार्रवाई का आदेश दिया था. सरकार द्वारा जारी पत्र में कहा गया था कि शिक्षा विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव बीके त्रिपाठी के विरुद्ध प्रशासनिक कार्रवाई हेतु कार्मिक एवं प्रशासनिक एवं राजभाषा विभाग को तथा राशि वसूली के लिए प्रशासी विभाग (स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग) को निर्देश दिया गया है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इसके बाद राशि वसूली को लेकर विधि विभाग से परामर्श मांगा था. विधि विभाग से परामर्श की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो सकी है.
क्यों लगा था जुर्माना
प्रकाशकों पर जुर्माना समय पर किताब नहीं देने तथा कम किताब की आपूर्ति के लिए लगाया गया था. वर्ष 2009-10 में प्रकाशकों को स्कूल तक किताब पहुंचाने का टेंडर दिया गया, पर स्कूलों तक किताब नहीं पहुंची.
वर्षवार जुर्माना की राशि
वर्ष जुर्माने की राशि
2007-08 एक करोड़ 30 लाख रु.
2008-09 चार करोड़ 89 लाख रु.
2009-10 69 लाख 75 हजार रु.
2010-11 57 लाख 71 हजार रु.