धर्मांतरण रोकने के लिए सकारात्मक प्रयास हो

रांची : केंद्रीय सरना समिति द्वारा रविवार को मोरहाबादी स्थित संगम गार्डेन में परिचर्चा का आयोजन किया गया. मौके पर सरना धर्मावलंबियों की धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक व परंपरा पर विचार किया गया. इस दौरान कई प्रस्ताव भी पारित किये गये, जिसमें आदिवासियों की धार्मिक व्यवस्था में पूजा पद्धति व सामाजिक व्यवस्था का कड़ाई से पालन, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 22, 2016 7:07 AM
रांची : केंद्रीय सरना समिति द्वारा रविवार को मोरहाबादी स्थित संगम गार्डेन में परिचर्चा का आयोजन किया गया. मौके पर सरना धर्मावलंबियों की धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक व परंपरा पर विचार किया गया. इस दौरान कई प्रस्ताव भी पारित किये गये, जिसमें आदिवासियों की धार्मिक व्यवस्था में पूजा पद्धति व सामाजिक व्यवस्था का कड़ाई से पालन, सांस्कृतिक व पारस्परिक व्यवस्था को बढ़ावा हेतु जनजागरण कार्यक्रम का आयोजन करना शामिल है.
मौके पर वक्ताओं ने कहा कि प्रकृति पूजक आदिवासियों की धार्मिक, सांस्कृतिक, पारंपरिक व सामाजिक व्यवस्था अब विलुप्त हो रही है. इन पर आधुनिकता व दूसरी संस्कृतियों का प्रभाव पड़ रहा है. पुरखों की व्यवस्था को पुनर्स्थापित करने के प्रयास को अौर तेज किया जाये. गांवों में मौजूद धार्मिक-सामाजिक भूमि को चिह्नित कर उनका सदुपयोग किया जाये. धर्मांतरण को रोकने के लिए सकारात्मक प्रयास करने की भी बात कही गयी.
परिचर्चा में शरण उरांव, बलदेव कच्छप, रिझू कच्छप, महादेव टोप्पो, प्रभुदयाल बड़ाइक, जगत मुंडा, नकुल तिर्की, सत्यनारायण लकड़ा, राजू लकड़ा, जादो उरांव, बाना मुंडा, सुनील फकीरा कच्छप, संदीप उरांव, कृष्णकांत टोप्पो, अजय लिंडा, फूलचंद तिर्की, अनिता गाड़ी, बबीता कच्छप, गुलाबचंद बाड़ा, जितू उरांव, बबलू मुंडा सहित अन्य शामिल हुए.

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