रियो में हवा ने बिगाड़ा हमारा खेल : लक्ष्मी रानी
स्वागत के लिए नहीं पहुंचा सरकार का कोई प्रतिनिधि रांची : रियो ओलिंपिक में तीरंदाजी इवेंट के क्वार्टर फाइनल में पहुंचनेवाली झारखंड की तीरंदाज लक्ष्मी रानी मांझी रविवार को रांची पहुंचीं. रेलवे के कर्मचारियों ने लक्ष्मी रानी का स्वागत किया. रियो में प्रदर्शन के सवाल पर लक्ष्मी रानी ने कहा : मैं और पूरी टीम […]
स्वागत के लिए नहीं पहुंचा सरकार का कोई प्रतिनिधि
रांची : रियो ओलिंपिक में तीरंदाजी इवेंट के क्वार्टर फाइनल में पहुंचनेवाली झारखंड की तीरंदाज लक्ष्मी रानी मांझी रविवार को रांची पहुंचीं. रेलवे के कर्मचारियों ने लक्ष्मी रानी का स्वागत किया. रियो में प्रदर्शन के सवाल पर लक्ष्मी रानी ने कहा : मैं और पूरी टीम की तैयारी बेहतर थी. जब मेरा राउंड शुरू होने वाला था, तभी हवा बहने लगी. उस हिसाब से मैंने समय अधिक ले लिया. इसके कारण तीर सही निशाने पर नहीं लगा.
हालांकि मैच के दौरान मैं थोड़ी नर्वस हो गयी थी. वहीं हवा के खिलाफ हम तेज नहीं खेल सके. इस कारण हमें बाहर होना पड़ा. उन्होंने कहा कि जिस फिल्ड पर हम मैच खेल रहे थे, वह प्रैक्टिस वाले फिल्ड से अलग था. दीपिका के साथ भी यही हुआ. जब हवा शांत थी तब दीपिका का निशाना सही जगह पर लगा. जैसे ही हवा बही, हम चूक गये.
वर्ल्ड चैंपियनशिप और अगले ओलिंपिक पर भी टारगेट रहेगा
रेलवे स्टेशन पर बातचीत में लक्ष्मी रानी ने बताया कि हमारी ओर से रियो के लिए तैयारी पूरी थी, लेकिन मौसम के अनुसार माहौल नहीं मिलने से बेहतर करने में परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि अधिक देर तक धनुष होल्ड करने से भी तीर सही निशाने पर नहीं लगता है. अब उनका फोकस इसी साल होनेवाली आर्चरी वर्ल्ड चैंपियनशिप पर है. साथ ही अगले ओलिंपिक पर भी टारगेट रहेगा. उसी के अनुसार तैयारी होगी. उन्होंने कहा : मैंने जिस हालात में खेला है उसी को फोकस करके तैयारी करूंगी, ताकि अगले ओलिंपिक में कोई चूक नहीं हो.
खुद ही किराये पर गाड़ी लेकर घर गयीं लक्ष्मी
रांची रेलवे स्टेशन पर लक्ष्मी रानी का भव्य स्वागत नहीं हो पाया. रेलवे स्टेशन पर झारखंड सरकार और आर्चरी संघ का कोई पदाधिकारी भी नहीं पहुंचा. रेलवे कर्मियों ने उनका स्वागत किया. साथ ही रेलवे के पुलिस अधिकारियों के साथ महिला सिपाहियों ने लक्ष्मी रानी का स्वागत किया. रेलवे के रिंकु बनर्जी और टीएसी के सदस्य रतन तिर्की स्टेशन पर मौजूद थे. रियो से लौटनेवाली लक्ष्मी रानी को खुद ही किराये पर गाड़ी लेकर घर जाना पड़ा.