आदिवासी समाज के उन नेताअों से भी सावधान रहना होगा, जो अपने ही समुदाय के खिलाफ काम कर रहे हैं. नयी पीढ़ी को भी अपने समाज के मुद्दों के प्रति जागरूक होना पड़ेगा. विश्वबंधु, फैसल अनुराग, प्रवीण कुमार आदि वक्ताअों ने भी संबोधित किया. इससे पूर्व सम्मेलन की शुरुआत सोनी तिरिया ने ये माटी हमर जान, माटी हमर शान गीत गा कर की. सम्मेलन में रांची, खूंटी, पाकुड़, दुमका, सरायकेला खरसांवा, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, गुमला, सिमडेगा, बोकारो व गिरिडीह से लोग पहुंचे थे.
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सरकार के समक्ष नहीं झुकेगी झारखंड की जनता : दयामनी
रांची: सामाजिक कार्यकर्ता व आंदोलनकारी दयामनी बरला ने कहा कि सीएनटी व एसपीटी एक्ट के रहते हुए ही झारखंड में टाटा, सेल (बोकारो) व एचइसी (रांची) जैसे बड़े कारखाने स्थापित हुए. स्कूल खुले, अस्पताल बने व शहरों के पास रिंग रोड बने़ कहां विकास में बाधा हो रही है? पर आज संशोधन के नाम पर […]
रांची: सामाजिक कार्यकर्ता व आंदोलनकारी दयामनी बरला ने कहा कि सीएनटी व एसपीटी एक्ट के रहते हुए ही झारखंड में टाटा, सेल (बोकारो) व एचइसी (रांची) जैसे बड़े कारखाने स्थापित हुए. स्कूल खुले, अस्पताल बने व शहरों के पास रिंग रोड बने़ कहां विकास में बाधा हो रही है? पर आज संशोधन के नाम पर दोनों एक्ट को ही खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है. इस एक्ट को खत्म करने का मतलब झारखंड के जंगल, पानी, पहाड़, नदी जमीन सभी को कॉरपोरेट घरानों को दे देना है. हम इसका विरोध करते हैं. झारखंड की जनता न तो मोदी अौर न ही रघुवर सरकार के सामने झुकेगी.
उन्होंने कहा कि नवंबर में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से हजारों आदिवासी समुदाय के लोग राजधानी पहुंचेंगे. दयामनी बरला सोमवार को गोस्सनर थियोलॉजिकल कॉलेज सभागार में आयोजित सम्मेलन में बोल रही थीं. सम्मेलन का विषय था आदिवासी अस्तित्व अौर भूमि कानून. इसका आयोजन मुंडारी खूंटकट्टी परिषद, ऐभन मांझी वैसी पाकुड़, जन अधिकार मंच बोकारो, आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच, नगड़ी आंदोलन, एआइपीएफ व इंसाफ झारखंड के द्वारा किया गया था.
इस मौके पर सीपीआइ के नेता केडी सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार के दो एजेंडे हैं. पहला किसानों की जमीन छीनना अौर दूसरा सांप्रदायिकता को बढ़ावा देना. आज गो रक्षा ने नाम पर हत्याएं हो रहीं हैं. आदिवासियों को आदिवासियों से ही लड़ाने की साजिश चल रही है. लैंड बैंक के नाम पर पूंजीपति घरानों को जमीन दी जा रही है. अनिल अंशुमन ने कहा कि इस परिस्थिति में हमें मिल-जुल कर संघर्ष करने की रणनीति बनानी होगी.
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