झारखंड के हर कोने में बारिश का कहर

करीब-करीब पूरे राज्य में रविवार रात से लगातार बारिश हो रही है. इधर नदियों का भी जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. इन वजहों से राज्य के कई जिलों में जानमाल का काफी नुकसान हुआ है. गुमला में बांध टूटने और पुल बहने की सूचना है. वहीं, चतरा के कई गांवों का शहरों से संपर्क […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 23, 2016 1:05 AM
करीब-करीब पूरे राज्य में रविवार रात से लगातार बारिश हो रही है. इधर नदियों का भी जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. इन वजहों से राज्य के कई जिलों में जानमाल का काफी नुकसान हुआ है. गुमला में बांध टूटने और पुल बहने की सूचना है. वहीं, चतरा के कई गांवों का शहरों से संपर्क कट गया है. साहेबगंज में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर आ गया है. इससे अब तक कई क्षेत्र प्रभावित हो चुके हैं.
रांची: साहेबगंज में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 1.21 मीटर ऊपर है. हवा के कारण गंगा नदी से तीन-चार फीट ऊंची लहरें उठ रही हैं. इससे रामपुर दुर्गा स्थान व कारगिल दियारा में कटाव होने लगा है. राजमहल में गंगा का जलस्तर बढ़ने से कई इलाके जलमग्न हो गये हैं. वहीं राजमहल प्रखंड क्षेत्र के मोकिमपुर पंचायत में कटाव भी शुरू हो गया है. कटाव के डर से शोभापुर व कमलैन बगीचा गांव के लोग रतजगा कर रहे हैं.

मोकिमपुर की मुखिया मेरी मुर्मू ने बताया कि गंगा का जलस्तर बढ़ने से किनारे का जमीन धंसती जा रही है. लगभग आधा दर्जन से अधिक लोगों का घर व सरकारी भवन जैसे विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्र गंगा कटाव में समाने का खतरा मंडरा रहा है. गंगा का जलस्तर बढ़ने से उधवा प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है. पूर्वी, पश्चिमी उधवा दियारा, गोलढाब, मध्य पियारपुर, श्रीधर सहित कई इलाके के लोगों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. राधानगर, मध्य पियारपुर, दक्षिण पियारपुर, पूर्वी-पश्चिमी प्राणपुर, पूर्वी-पश्चिमी उधवा दियारा, अमानत सहित विभिन्न पंचायतें बाढ़ के पानी से प्रभावित हैं.
इन इलाकों में भी बारिश बनी आफत
गुमला में एक सप्ताह से लगातार हो रही बारिश के कारण प्रखंड के बनारी लाइनटोली गांव के समीप बना 40 वर्ष पुराना अगु बांध टूट गया. इससे कारण सैकड़ों एकड़ खेत में लगी फसल बरबाद हो गयी. इस क्षेत्र के ग्रामीणों का मुख्य पेशा कृषि है. ग्रामीणों ने कहा कि यदि जल्द बांध को बनाया नहीं गया, तो उपजाऊ खेत नहर के रूप में तब्दील हो जायेगा. पीड़ित किसानों ने बताया कि कर्ज लेकर उन्होंने खेतीबारी की थी. इस वर्ष बारिश अच्छी हुई है, इसलिए उन्हें बेहतर पैदावार होने की उम्मीद थी. लेकिन बांध टूट जाने से उनके मेहनत पर पानी फिर गया. चतरा जिले में 36 घंटे से हो रही लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बारिश से फसलों को नुकसान हो रहा है.

मिर्च, टमाटर, फूलगोभी, करैला, भिंडी, बोदी, मकई जैसे नकद फसल किसानों को सस्ते दरों पर बेचने पर मजबूर हैं. धान का खेत पानी में डूब गया है. नदियों में बाढ़ आने से कई गांवों का संपर्क टूट गया है. पत्थलगड्डा व सिमरिया प्रखंड के कई गांवों का संपर्क कट गया है. यह स्थिति हंटरगंज प्रखंड में भी देखी जा रही है. हंटरगंज के नीलाजन नदी में पानी बढ़ने से लोग भयभीत हैं.

केदली, बहेरी, कोबना, उरैली, शाही, तिलहेत समेत कई गांव में पानी घुस रहा है. भोजपुर, कांशीकेवाल, जबड़ा, डटमी, मीरपुर, केदली, उरैली, पांडेयपुरा समेत कई गांवों में करीब 200 कच्चे घरों के गिरने की सूचना है. गिद्धौर के कुबरी नाला पर बना पुलिया बह गया है. कुबरी नाला पर बने पुलिया से ही लोग बरसात के दिनों में आवागमन करते थे. इस रास्ते थे कुबरी, लोहड़ी, गड़के, पिंडारकोन, करमाही, घटेरी व सरहेता गांव के लोगों का आना-जाना होता था.

बड़कागांव में हरदरा नदी पर बना डायवर्सन टूटा
बड़कागांव : बड़कागांव में बारिश के कारण हरदरा नदी पर बना डायवर्सन टूट कर बह गया. इससे तेलियातरी, चंदन टिलहा, गौरव बाजार, गोविन्द डीह गांवों के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने शीघ्र डायवर्सन बनाने की मांग जिला प्रशासन से की है. इतना ही नही यह डायवर्सन बड़कागांव -टंडवा के लिए बाइपास का काम करता था. उप मुखिया रंजीत मेहता, लालमणि महतो ने डायवर्सन को शीघ्र बनाने की मांग की है.
नदियों का जलस्तर बढ़ा : लगातार हो रही बारिश से तरीवा नदी, छवनिया नदी, चोरका नदी, गोंदलपुरा नदी, नापो नदी का जलस्तर बढ़ गया है. इन नदियों पर पुल नहीं होने के कारण 40-45 गांव टापू बन गये हैं. प्रखंड मुख्यालय व बाजार से लोगों का संपर्क टूट गया है. इन गांवों का हर बरसात अभिशाप बनाकर आता है.
जर्जर हुईं सड़कें : बरसात ने पथ विभाग, आरइओ, पीडब्लूडी विभाग की पोल खोल दी है़ बड़कागांव की सड़कें तालाब में तब्दील हो गये हैं. सड़कें जर्जर हो गयी हैं. गड्ढे में सड़क है कि सड़क में गड्ढा पता ही नहीं चलता. आये दिन दुर्घटनाएं होती हैं. टैक्सी स्टैंड के पास बादम मेन रोड जलमग्न है. वहीं ब्लॉक मुख्यालय के पास कदमाडीह से लेकर कांडतरी रोड में सैकड़ों गड्ढे हैं. टंडवा रोड में सूर्य मंदिर के पास कई गड्ढे हैं.

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