जमशेदपुर में 10 हजार लोगों के पास कालाधन
जमशेदपुर/रांची : जमशेदपुर में दस हजार से अधिक लाेगाें के पास कालाधन हाेने की आशंका है. विभाग काे अपनी जांच में इसकी जानकारी मिलने के बाद उन्हें नाेटिस भेजा गया है. इनमें से साै की सूची विभाग ने तैयार कर ली है, जिनके यहां छापामारी की जायेगी. आयकर विभाग ने इनकम डिस्क्लाेजर स्कीम (आइडीएस) के […]

जमशेदपुर/रांची : जमशेदपुर में दस हजार से अधिक लाेगाें के पास कालाधन हाेने की आशंका है. विभाग काे अपनी जांच में इसकी जानकारी मिलने के बाद उन्हें नाेटिस भेजा गया है. इनमें से साै की सूची विभाग ने तैयार कर ली है, जिनके यहां छापामारी की जायेगी.
आयकर विभाग ने इनकम डिस्क्लाेजर स्कीम (आइडीएस) के तहत ऐसे सभी लाेगाें काे 30 सितंबर तक अपनी वैसी संपत्ति, जिसका ब्योरा उन्हाेंने आज तक कभी नहीं दिया है, का खुलासा करने को कहा है, अन्यथा उनके खिलाफ छापामारी अभियान चलाया जायेगा. तय समय से पहले कालाधन घाेषित करनेवालाें के नाम-पता सार्वजनिक नहीं किये जायेंगे, उन्हें अतिरिक्त दंड भी नहीं चुकाना हाेगा, केस भी नहीं हाेगा. समय अवधि समाप्ति के बाद उनके नाम सार्वजनिक ताे हाेंगे, छापामारी भी हाेगी आैर 60 प्रतिशत जुर्माना अलग से वसूल कर केस भी दर्ज किया जायेगा.
आयकर छिपाने वालों की तीन कटेगरी : आयकर विभाग ने आयकर छिपानेवालाें की तीन श्रेणियां तय की हैं, जिनमें पी-1 में दस लाख से अधिक, पी-2 में 30 लाख से अधिक आैर पी-3 में 50 लाख काे शामिल किया गया है. इसमें शामिल किये गये वैसे लाेग हैं, जाे बिना पैन के खरीदारी कर रहे हैं, कंपनियाें में निवेश कर रहे हैं, रियल स्टेट के काराेबार में हैं, चेक प्रदान कर बाेगस लाेन ले रहे हैं, प्राॅपर्टी में निवेश कर रहे हैं.
प्रधान आयकर आयुक्त खुद कर रहे निगरानी : आइडीएस मामले काे आयकर विभाग के प्रधान आयकर आयुक्त श्याम कुमार सीधे देख रहे हैं. उनके सिवा इस मामले में किसी काे हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं है. यही वजह है कि उनके नेतृत्व में 40 से अधिक जागरूकता शिविर-मीटिंग का आयाेजन किया गया है. इसमें वैसे सभी वर्गाें के साथ जानकारियां साझा की जा चुकी हैं, जाे इसके दायरे में या भी फिर संभावित क्षेत्र में आते हैं.