जूनियर अफसर ने की सीनियर की पैरवी

रांची: राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में एक जूनियर अफसर ने सीनियर की सेवा विस्तार के लिए अनुशंसा की है. वहीं सरकारी मुकदमा लड़नेवाले वकील के बिल में काट-छांट करनेवाले का तबादला कर दिया गया है. इसी विभाग में निगरानी जांच में फंसा एक अफसर वर्षो से एक ही जगह पर बरकरार है. बोर्ड के अध्यक्ष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2014 7:19 AM

रांची: राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में एक जूनियर अफसर ने सीनियर की सेवा विस्तार के लिए अनुशंसा की है. वहीं सरकारी मुकदमा लड़नेवाले वकील के बिल में काट-छांट करनेवाले का तबादला कर दिया गया है. इसी विभाग में निगरानी जांच में फंसा एक अफसर वर्षो से एक ही जगह पर बरकरार है.

बोर्ड के अध्यक्ष पद पर भारतीय वन सेवा के अधिकारी एके मिश्र पदस्थापित हैं. जूनियर इंजीनियर महेंद्र महतो बोर्ड के सदस्य सचिव हैं. बोर्ड के प्रभारी अध्यक्ष 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. इसके साथ ही वह प्रभारी अध्यक्ष के पद से भी मुक्त हो जायेंगे. इस बात के मद्देनजर सदस्य सचिव ने श्री मिश्र को सेवानिवृत्ति के बाद भी प्रभारी अध्यक्ष के रूप में बनाये रखने के लिए सरकार से अनुशंसा की है.

गौररतलब है कि राज्य गठन के बाद से आइएएस या आइएफएस अधिकारियों ने बोर्ड में प्रभारी अध्यक्ष के रूप में काम किया और सेवानिवृत्त होते ही अध्यक्ष का पद भी छोड़ दिया. सरकार ने भी अबतक किसी अधिकारी को प्रभारी अध्यक्ष के रूप में काम करने की अनुमति नहीं दी है.

बोर्ड ने पिछले दिनों नागेश्वर दास नामक एक प्रशाखा पदाधिकारी का तबादला रांची से धनबाद कर दिया. इस अधिकारी ने वकीलों के बिल में कटौती कर दी थी.

बोर्ड के वकील को मुकदमे में पैरवी करने के लिए प्रति दिन एक हजार रुपये की दर से भुगतान का प्रावधान है. इस प्रशाखा पदाधिकारी ने 3000-4000 प्रति दिन की दर से बनाये गये लगभग तीन लाख रुपये के बिल को अमान्य कर दिया था. दूसरी तरफ ओम प्रकाश नामक प्रशाखा पदाधिकारी को वर्षो से बोर्ड मुख्यालय में पदस्थापित रखा गया है, जबकि इसके विरुद्ध निगरानी जांच चल रही है.

Next Article

Exit mobile version