सीआइडी के इंस्पेक्टर पर एससी एसटी एक्ट के तहत भी मुकदमा
रांची: सीआइडी के निलंबित इंस्पेक्टर उमेश ठाकुर, उनकी पत्नी उर्मिला ठाकुर और साला चंदन पर एससी-एसटी एक्ट के तहत भी मुकदमा चलेगा. सीआइडी के एसपी जया राय की जांच रिपोर्ट और अनुशंसा पर यह धारा अलग से जोड़ी गयी है. इसकी पुष्टि ग्रामीण एसपी राज कुमार लकड़ा ने की है. ग्रामीण एसपी ने बताया कि […]
रांची: सीआइडी के निलंबित इंस्पेक्टर उमेश ठाकुर, उनकी पत्नी उर्मिला ठाकुर और साला चंदन पर एससी-एसटी एक्ट के तहत भी मुकदमा चलेगा. सीआइडी के एसपी जया राय की जांच रिपोर्ट और अनुशंसा पर यह धारा अलग से जोड़ी गयी है. इसकी पुष्टि ग्रामीण एसपी राज कुमार लकड़ा ने की है. ग्रामीण एसपी ने बताया कि उमेश ठाकुर के घर से जो बच्ची बरामद हुई थी, वह आदिवासी समुदाय की है. इसलिए एससी-एसटी एक्ट को भी जोड़ा गया है.
उल्लेखनीय है कि नामकुम थाना क्षेत्र के अमेठिया नगर स्थित उमेश ठाकुर के फ्लैट से एक 13 साल की नाबालिग बरामद की गयी. बच्ची से उमेश ठाकुर और परिवार वाले नौकरानी का काम लेते थे. आठ अगस्त को चाइल्ड लाइन और श्रम विभाग ने पुलिस के सहयोग से इंस्पेक्टर के अपार्टमेंट में छापेमारी कर बच्ची को बरामद किया था. बच्ची ने उमेश ठाकुर और उनकी पत्नी पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. बच्ची ने बताया था कि वह सिसई की रहनेवाली है. गरीबी के कारण वह नौकरानी का काम करने लगी. जब वह बरतन नहीं धो पाती थी, तब इंस्पेक्टर की पत्नी उसे मारती-पीटती थी और दाग भी देती थी. ठीक से खाना भी खाने के लिए नहीं दिया जाता था.
बरामद बच्ची के बयान पर तीनों आरोपियों के खिलाफ नामकुम थाना में केस दर्ज किया गया था. केस दर्ज कर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की थी. जांच के दौरान पूर्व में ग्रामीण एसपी राज कुमार लकड़ा और डीएसपी मुख्यालय ने तीनों के खिलाफ जेजे एक्ट, चाइल्ड लेबर एक्ट और प्रताड़ित करने के आरोप को सही पाया था. आरोप सही पाये जाने पर तीनों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश जारी किया गया था.