रांची: राजधानी में पिछले दो वर्षों से गुटखा बेचने पर प्रतिबंध लगा हुआ है. गुटखा बेचने वालों पर जुर्माना के साथ उन्हें जेल भेजने का भी प्रावधान है. इसके बावजूद राजधानी में धड़ल्ले से गुटखे का कारोबार चल रहा है. शहर की पान दुकानों से लेकर छोटे-मोटे राशन दुकानों में खुलेआम गुटखा बिक रहा है, लेकिन इस ओर प्रशासन का ध्यान नहीं जा रहा है.
शहर की पान गुमटियों और राशन दुकानों में भी अब दो तरह के गुटखे रखे जाने लगे हैं. एक गुटखा वह होता है, जिसमें केवल सुपारी होती है. इसमें मिलाने के लिए तंबाकू अलग से खरीदनी पड़ती है. वहीं, दूसरा गुटखा वह होता है, जिसमें सुपारी के साथ तंबाकू मिला हुआ होता है. पहले की बिक्री पर राज्य में कोई रोक नहीं है, लेकिन दूसरे प्रकार के गुटखे के बिक्री पर राज्य में रोक लगी हुई है. फिर भी यह गुटखा राजधानी सहित आसपास की दुकानों में खुलेआम िबक रहा है
शुरू में चला था अभियान
गुटखे पर राज्य सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाये जाने के बाद शुरुआत में जिला प्रशासन के द्वारा कई दुकानों में छापा मार कर काफी मात्रा में गुटखा जब्त किया गया था. इसके अलावा रेलवे द्वारा भी कई बार गुटखे की कई बोरियां पकड़ कर उसे नष्ट किया गया था. हालांकि, समय के साथ यह अभियान बंद हो गया.
गुटखे का दुष्प्रभाव : दांत खराब होते हैं, मुंह आधा से अधिक नहीं खुलता है, मुंह का कैंसर हो जाता है, भूख नहीं लगती है, पेट की कई गंभीर बीमारियां हो जाती हैं.
कई बार छापामारी करायी गयी है, गुटखा जब्त भी हुआ है. दो दिन पहले इस मामले को लेकर बैठक बुलायी गयी थी. इसकी रणनीति बनायी गयी है. जल्द ही छापामारी अभियान शुरू किया जायेगा.
मनोज कुमार, डीसी रांची