9.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रंगदारी संस्कृति से उद्योग नहीं पनप सकते : सुराज दल

रांची: भारतीय सुराज दल ने गोला में इनलैंड पावर लिमिटेड कंपनी के बाहर हुए गोलीकांड और उसमें दो लोगों के मारे जाने की घटना की जांच की है़ भारतीय सुराज दल के अनुसार गोला के इनलैंड पावर लिमिटेड कंपनी के विरुद्ध आंदोलन और पुलिस फायरिंग के पीछे कुछ खास नेताओं द्वारा कंपनी से रंगदारी मांगे […]

रांची: भारतीय सुराज दल ने गोला में इनलैंड पावर लिमिटेड कंपनी के बाहर हुए गोलीकांड और उसमें दो लोगों के मारे जाने की घटना की जांच की है़ भारतीय सुराज दल के अनुसार गोला के इनलैंड पावर लिमिटेड कंपनी के विरुद्ध आंदोलन और पुलिस फायरिंग के पीछे कुछ खास नेताओं द्वारा कंपनी से रंगदारी मांगे जाने का मामला है़ दल के अध्यक्ष पीके सिद्धार्थ ने कहा कि राजनेताओं के विरुद्ध रंगदारी-निरोध कानून बना कर इसे कड़ाई से लागू किया जाना चाहिए ,अन्यथा राज्य में उद्योग नहीं पनप सकते.

उन्होंने कहा की जांच से प्रथम दृष्टया कई बातें उभर कर आयी है. पुलिस के अनुसार जब आंदोलनकारियों ने प्लांट के पीछे की ओर जाकर तोड़-फोड़ और आगजनी शुरू की और इनके मुख्य नेता राजीव जायसवाल ने अपनी लाइसेंसी बंदूक से फायर किया और पत्थरबाजी कर बीडीओ की आंख फोड़ दी, तब पुलिस ने लाठीचार्ज करने और आंसू-गैस छोड़ने के बाद फायरिंग की. दूसरी ओर जनता का कहना है कि कोई लाठी चार्ज नहीं हुआ और कोई आंसू गैस नहीं छोड़ी गयी, बल्कि सीधे फायरिंग की गयी. जनता का यह भी कहना है कि राजीव जायसवाल के पास कोई बंदूक नहीं थी और उन्होंने कोई फायरिंग नहीं की. फायरिंग के पहले तोड़-फोड़ जरूर की गयी, लेकिन आगजनी तब हुई जब पुलिस फायरिंग में दो लोगों के मरने के बाद जनता का गुस्सा भड़क गया. भारतीय सुराज दल का मानना है कि ऐसी स्थिति में प्रशासकीय जांच से सत्य सामने नहीं आ सकता है, इसलिए दल घटना की न्यायिक जांच, मृतकों को आश्रित को मुआवजा व परिवार के एक-एक सदस्य को नौकरी दिये जाने की मांग करता है.

श्री सिद्धार्थ ने कहा कि यहां विस्थापन का मामला नहीं है. कंपनी ने 200 रैयतों से 2013 के पहले ही 147 एकड़ जमीन खरीद कर अधिगृहीत कर ली थी़ मार्च 2014 में उत्पादन भी शुरू हो गया था. कंपनी के अनुसार उसने 90 प्रतिशत रैयत परिवारों के 284 सदस्यों को अब तक नौकरी दी है. आम जनता से पूछे जाने पर अधिकांश ने इस बात की पुष्टि की. आंदोलन के एक अन्य नेता सुशील चक्रवर्ती भी 20-25 हजार रुपये मासिक रंगदारी मांगते रहे हैं. नहीं दिये जाने पर स्थानीय जनता को गुमराह कर हिंसात्मक आंदोलन की ओर ये ही लोग ले जा रहें हैं. इस तरह के संकेत जनता की तरफ से भी इन नेताओं के प्रति मिले.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें