पाइप लाइन जलापूर्ति के लिए नियुक्त होंगे कंसल्टेंट
रांची: मौजूदा समय में पाइप लाइन से जलापूर्ति योजना का राष्ट्रीय औसत 41 प्रतिशत है, जबकि झारखंड में यह 25.44 प्रतिशत है. झारखंड सरकार भी पाइप लाइन जलापूर्ति का प्रतिशत बढ़ाना चाहती है. पहले चरण में 15 जिलों में शतप्रतिशत घरों में पाइप लाइन से जलापूर्ति योजना शुरू की जायेगी. इसके लिए परामर्शी कंपनी नियुक्त […]
रांची: मौजूदा समय में पाइप लाइन से जलापूर्ति योजना का राष्ट्रीय औसत 41 प्रतिशत है, जबकि झारखंड में यह 25.44 प्रतिशत है. झारखंड सरकार भी पाइप लाइन जलापूर्ति का प्रतिशत बढ़ाना चाहती है.
पहले चरण में 15 जिलों में शतप्रतिशत घरों में पाइप लाइन से जलापूर्ति योजना शुरू की जायेगी. इसके लिए परामर्शी कंपनी नियुक्त की जायेगी. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने परामर्शी कंपनियों के चयन के लिए एक्सप्रेशन अॉफ इंटरेस्ट मांगा है. विभाग द्वारा लिखा गया है कि राज्य में पानी के स्रोत सीमित हैं.
ज्यादातर नदियां बरसाती हैं, जो गरमी में सूख जाती हैं. इन 15 जिलों में स्थित वर्तमान रिजर्वायर सबके लिए जलापूर्ति करने में सक्षम नहीं है. भूमिगत जल की स्थिति भी बेहतर नहीं है. यही वजह है कि विभाग द्वारा 60 प्रतिशत आबादी को भूतल स्रोत और 40 प्रतिशत भूगर्भ जल स्रोतों से आपूर्ति की जायेगी. साथ ही बरसाती नदियों के पानी रोकने के लिए चेकडैम की आवश्यकता होगी. परामर्शी कंपनियों को इन क्षेत्रों का फील्ड सर्वे कर, पानी के संभावित स्रोतों का पता लगाना है. साथ ही प्रोजेक्ट रिपोर्ट जीआइएस पर आधारित बनानी है. इसके लिए चयनित कंपनियों को विभाग सूचीबद्ध करेगा और संबंधित जिलों में सर्वे का काम देगा.
ये जिले चिह्नित किये गये पहले चरण के लिए : धनबाद, रामगढ़, बोकारो, लातेहार, लोहरदगा, सरायकेला, दुमका, खूंटी, देवघर, चतरा, पूर्वी सिंहभूम, प. सिंहभूम, गोड्डा, जामताड़ा और पाकुड़.