झारखंड : विभिन्न जिलों में 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश, कई नदियां-डैम खतरे के निशान पर
झारखंड में बने निम्न दबाव के कारण पिछले 48 घंटे से लगातार बारिश हो रही है. इससे राज्य की कई नदियां उफान पर हैं. कई निदयां और रिजर्वायर खतरे के निशान पर पहुंच चुके हैं. वहीं डैम भी खतरे के निशान को पार करने के करीब हैं. जल संसाधन विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग स्थिति […]
झारखंड में बने निम्न दबाव के कारण पिछले 48 घंटे से लगातार बारिश हो रही है. इससे राज्य की कई नदियां उफान पर हैं. कई निदयां और रिजर्वायर खतरे के निशान पर पहुंच चुके हैं. वहीं डैम भी खतरे के निशान को पार करने के करीब हैं. जल संसाधन विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग स्थिति पर लगातार नजर बनाये हुए है.
रांची: जमशेदपुर में खरकई और स्वर्णरेखा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. चांडिल डैम में भी पानी खतरे के निशान को पार कर रहा है, जिससे बार-बार पानी को डिस्चार्ज करना पड़ा है. मंगलवार को भी पानी डिस्चार्ज करने के लिए डैम के आठ गेट खोलने पड़े. यही स्थिति गालूडीह बराज की भी है. वहां भी 7372 क्यूबिक मीटर पानी डिस्चार्ज करना पड़ा है. इन स्थानों के कैचमेंट एरिया में एलर्ट जारी कर दिया गया है. उधर, साहेबगंज में गंगा नदी उफान पर है. नदी का जलस्तर केवल 0.37 मीटर ही दूर है. तेनुघाट डैम में भी जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच चुका है. पांच सितंबर को चार फाटक खोलकर वाटर डिस्चार्ज किया गया था. इसके बावजूद अब भी पानी का स्तर खतरे के निशान से लगभग एक मीटर ऊपर है.
रांची: जमशेदपुर में खरकई और स्वर्णरेखा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. चांडिल डैम में भी पानी खतरे के निशान को पार कर रहा है, जिससे बार-बार पानी को डिस्चार्ज करना पड़ा है. मंगलवार को भी पानी डिस्चार्ज करने के लिए डैम के आठ गेट खोलने पड़े. यही स्थिति गालूडीह बराज की भी है. वहां भी 7372 क्यूबिक मीटर पानी डिस्चार्ज करना पड़ा है. इन स्थानों के कैचमेंट एरिया में एलर्ट जारी कर दिया गया है. उधर, साहेबगंज में गंगा नदी उफान पर है. नदी का जलस्तर केवल 0.37 मीटर ही दूर है. तेनुघाट डैम में भी जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच चुका है. पांच सितंबर को चार फाटक खोलकर वाटर डिस्चार्ज किया गया था. इसके बावजूद अब भी पानी का स्तर खतरे के निशान से लगभग एक मीटर ऊपर है.
रांची के तीनों डैम भी खतरे के निशान के करीब पहुंचे
रांची के तीनों डैमों का जलस्तर भी खतरे के निशान के करीब आ गया है. रुक्का डैम का लेबल 2161 फीट है, जबकि डैम का मौजूदा जलस्तर 1931 फीट नौ इंच है. वहीं हटिया डैम में 2186 फीट एक इंच पानी है. इसकी क्षमता 2198 फीट की है. गोंदा डैम में भी क्षमता से अधिक पानी है. इसकी क्षमता 2107 फीट की है, जबकि 2126 फीट सात इंच है.
हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. एनडीआरएफ की टीम भी हमारे पास है. जहां भी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होगी, वहां तत्काल टीम भेज दी जायेगी. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में हैं. जमशेदपुर के कैचमेंट एरिया प्रभावित हो सकता है. वहां एलर्ट जारी कर निचले इलाकों को खाली करने का आग्रह किया गया है.
कर्नल संजय श्रीवास्तव, ओएसडी, अापदा प्रबंधन विभाग
िवभिन्न जगहों से हर दिन के डाटा पर विभाग नजर रख रहा है. जहां भी पानी खतरे के निशान को पार कर रहा है वहां वाटर डिस्चार्ज करने के आदेश दिये जा रहे हैं. दो दिनों में स्थिति गंभीर बनी है, पर हमारी नजर है.
शिवानंद राय, अभियंता प्रमुख, जल संसाधन विभाग
दो-तीन दिन तक रहेगा निम्न दबाव का असर
करीब-करीब पूरे राज्य में बंगाल की खाड़ी में आये निम्न दबाव का असर रहेगा. मंगलवार को यह बांग्लादेश तथा पश्चिम-बंगाल के गांगेय क्षेत्र के आसपास केंद्रित रहा. इसके प्रभाव से अगले दो से तीन दिनों तक झारखंड के लगभग सभी क्षेत्रों में मध्यम दर्जे की अच्छी बारिश की प्रबल संभावना है. कुछ स्थानों पर 70 से 110 मिमी तक बारिश हो सकती है. सोमवार और मंगलवार को मिलाकर सबसे अधिक बारिश जमेशदपुर में हुई. वहां करीब 160 मिमी बारिश रिकार्ड की गयी.