टेंडर में गड़बड़ी पकड़नेवाला अफसर ही बरखास्त
रांची:नगर विकास विभाग ने स्किल डेवलपमेंट के लिए कंपनियों व संस्थाओं को सूचीबद्ध करने के लिए निकाले गये टेंडर के निबटारे में गड़बड़ी पकड़ने वाले सिटी मैनेजर का पहले तबादला किया, बाद में बिना अवकाश ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के आरोप में उन्हें बरखास्त कर दिया. सिटी मैनेजर ने टेंडर डालने का समय समाप्त होने […]
सरकार की ओर से नेशनल अरबन लाइवलीहुड मिशन( एनयूएलएम) के तहत प्रशिक्षण देने के लिए संस्थाओं के चयन के लिए निविदा प्रकाशित की गयी थी. इसके तहत टेंडर डालने की अंतिम तिथि 26 नवंबर 2015 तय की गयी थी. टेंडर खोलने की तिथि 27 नवंबर थी. इस निर्धारित तिथि पर टेंडर खोला गया और उसके मूल्यांकन का काम शुरू किया गया. इस बीच निर्धारित समय सीमा में टेंडर में शामिल नहीं होनेवाली तीन कंपनियों के टेंडर पेपर को भी मूल्यांकन में शामिल करने के लिए दबाव बनाया गया और उन कंपनियों के टेंडर पेपर को स्वीकार किया गया. इन तीनों कंपनियों में वीएलसीसी, साई ब्यूटी और फोकस स्किल प्रो प्राइवेट लिमिटेड के नाम शामिल हैं.
इन तीनों कंपनियों द्वारा टेंडर प्रक्रिया में शामिल होने के लिए दिये गये बैंक ड्राफ्ट से गड़बड़ी की पुष्टि होती है. नियमानुसार टेंडर में शामिल होनेवाली कंपनियों को टेंडर डॉक्यूमेंट के लिए पांच हजार रुपये और प्रोसेसिंग फीस के रूप में 25 हजार रुपये का ड्राफ्ट देना था.
टेंडर में शामिल होनेवाली कंपनियों को प्रोसेसिंग फीस टेंडर खुलने के दिन ही देना था. टेंडर डॉक्यूमेंट के लिए पांच हजार रुपये की फीस टेंडर पेपर खरीदते समय देनी थी. नेट से डाउनलोड करने की स्थिति में टेंडर डॉक्यूमेंट के लिए पांच हजार रुपये का ड्राफ्ट प्रोसेसिंग फीस के साथ 26 नवंबर को देना था, पर इन कंपनियों ने प्रोसेसिंग फीस के 25-25 हजार रुपये का ड्राफ्ट दिसंबर 2015 में बनवाया. सिर्फ साई ब्यूटी ने टेंडर डॉक्यूमेंट के लिए पांच हजार रुपये का ड्राफ्ट निर्धारित तिथि से पहले बनवाया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए सिटी मैनेजर राजा चंदन कुणाल ने फाइल में लिखा कि तीनों कंपनियों के द्वारा निर्धारित तिथि के बाद में बैंक ड्राफ्ट जमा किया गया है. इसलिए इस मामले में वरीय अधिकारियों की ओर से दिशा-निर्देश दिया जाये. इसके बाद सिटी मैनेजर को मूल्यांकन समिति से हटा दिया गया. फिर उनका तबादला चिरकुंडा नगर पंचायत में कर दिया गया. फिर उन्हें ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के आरोप में बरखास्त कर दिया गया.