रांची में पांच घंटे टेलीफोन और मोबाइल सेवाएं रही ठप

रांची: दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल के उपभोक्ता सोमवार को दिन भर परेशान रहे. दिन के 11.30 बजे से लेकर तीन बजे तक नेटवर्क पूरी तरह ठप रहा. मोबाइल में इमरजेंसी कॉल सिंबल दिखता रहा. नतीजतन फोन लगाने और रिसीव करने में उपभोक्ताओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. जीएसएम, 2-जी, थ्री-जी सेवाएं भी पूरी तरह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2016 1:07 AM
रांची: दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल के उपभोक्ता सोमवार को दिन भर परेशान रहे. दिन के 11.30 बजे से लेकर तीन बजे तक नेटवर्क पूरी तरह ठप रहा. मोबाइल में इमरजेंसी कॉल सिंबल दिखता रहा. नतीजतन फोन लगाने और रिसीव करने में उपभोक्ताओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. जीएसएम, 2-जी, थ्री-जी सेवाएं भी पूरी तरह प्रभावित रहीं. देर शाम को भी कॉल ड्राप, बातचीत करने में समस्याएं, रिसीव्ड कॉल में आवाज सुनने में भी दिक्कतें होती रहीं.

लैंडलाइन और ब्रॉड बैंड का उपयोग करनेवाले उपभोक्ता भी परेशान रहे. बीएसएनएल के रांची दूरसंचार जिला के महाप्रबंधक नीरज खरे ने माना कि कुछ समस्याएं थीं, जो दोपहर बाद ठीक कर ली गयी. उन्होंने बताया कि बूटी मोड़ के पास ऑप्टिकल फाइबर क्षतिग्रस्त होने से यह परेशानी उत्पन्न हुई थी. इसे बाद में ठीक कर लिया गया. बीएसएनएल और दूसरी कंपनियों के टावर शेयरिंग व्यवस्था की वजह से भी कॉल पूरी होने में समस्याएं आती रहीं.

क्या है तकनीकी गड़बड़ी : टेलीकॉम विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश में टेलीफोन टावरों में कनेक्टिविटी की समस्या अधिक आती है. इस दौरान शॉर्ट-सर्किट और अन्य समस्याएं बिजली के कड़कने से उत्पन्न होती है. अधिकतर टेलीकाॅम कंपनियां मोबाइल टावर की शेयरिंग कनेक्टिविटी के लिए करती हैं. ऐसे में सर्किट में समस्या होने से टेलीफोन सेवाएं बाधित हो जाती हैं.
रांची में 2.5 लाख हैं बीएसएनएल के मोबाइल उपभोक्ता
राजधानी रांची में बीएसएनएल के सेलवन-जीएसएम के 2.5 लाख उपभोक्ता हैं. बीएसएनएल के लैंडलाइन उपभोक्ताओं की संख्या अब काफी सीमित हो गयी है. सूत्रों के अनुसार सरकारी दफ्तरों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, बैंकों को छोड़ 30 से 35 हजार उपभोक्ता ही लैंड लाइन और ब्रॉड बैंड की सेवाएं ले रहे हैं. बिहार-झारखंड टेलीकॉम सर्किल में दो लाख ब्रॉड बैंड सेवा के उपभोक्ता भी बीएसएनएल से जुड़े हैं.

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