किसी भी अच्छे गर्वनेंस के लिए नैतिकता जरूरी

रांची : राज्य के पूर्व राज्यपाल प्रभात कुमार ने कहा कि किसी भी अच्छे गर्वनेंस के लिए नैतिकता जरूरी है. इसके बिना संस्थान को ऊंचाई पर नहीं ले जा सकते हैं. नैतिकता मनुष्य के अंदर में बदलाव लाती है. बाहर से सब कुछ एक जैसा दिखता है, लेकिन अंदर की भावना अलग-अलग होती है. इसका […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 14, 2016 1:03 AM
रांची : राज्य के पूर्व राज्यपाल प्रभात कुमार ने कहा कि किसी भी अच्छे गर्वनेंस के लिए नैतिकता जरूरी है. इसके बिना संस्थान को ऊंचाई पर नहीं ले जा सकते हैं. नैतिकता मनुष्य के अंदर में बदलाव लाती है. बाहर से सब कुछ एक जैसा दिखता है, लेकिन अंदर की भावना अलग-अलग होती है. इसका जीवन में महत्व है.

इसे समझने की जरूरत है कि अच्छा क्या है. इसका नैतिक मूल्य क्या है. श्री कुमार मंगलवार को आइआइसीएम में कोल इंडिया के अधिकारियों के लिए आयोजित पांच दिनी प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे. प्रशिक्षण शिविर कोल इंडिया और आइसी सेंटर फॉर गर्वनेंस (आइसीसीएफजी) के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है.

श्री कुमार ने कहा कि 40 साल सिविल सर्विस में काम करने के बाद सिविल सोसाइटी का काम कर रहा हूं. इसकी शुरुआत झारखंड से हुई. यहां कुछ समय रहा. काफी अच्छा लगा. बहुत ही अच्छा राज्य है. यहां के लोग, यहां की संस्कृति और आबोहवा ने काफी आकर्षित किया. पर एक दुखद पक्ष यह कि यहां जितनी गरीबी देखी, उतनी गरीबी जीवन में कभी नहीं दिखी.
बार-बार गलती को दोहराने से बचें : कोल इंडिया के सीवीओ मनोज कुमार ीने कहा कि जीवन में एक बार की गयी गलती बार-बार गलती करने को मजबूर करती है. इससे बचने की कोशिश करें. अपने ऊपर पड़नेवाले दबाव को सच्चाई से लड़ने की कोशिश करें. नैतिकता का जीवन में काफी महत्व है. यही हमारी कंपनी की कोर वैल्यू भी है. अपनी ड्यूटी और काम के प्रति ईमानदारी बरतें. इससे पूर्व प्रशिक्षुओं का स्वागत आइआइसीएम के कार्यकारी निदेशक सत्येंद्र किशोर ने किया. पूरे कार्यक्रम के बार में प्रेम मणि ने जानकारी दी.
जो अच्छे-बुरे की पहचान कराये, वह नैतिकता
केंद्रीय कोयला सचिव अनिल स्वरूप ने कहा कि ज्ञान बाहर नहीं है. यह अंदर है. इसे पहचानने की जरूरत है. इसे प्रकाशमान करने की जरूरत है. मेडिटेशन करने से यह पता चल पायेगा. जो अच्छा लगता है, उसका कोई मापदंड नहीं है. बस जो अच्छा लगता है, तो लगता है. गरीबों की सेवा में जीवन लगायें. उसकी दुआ किसी न किसी रूप में आपको जरूर मिलेगी. बात यह है कि कोई भी चीज आप क्यों करते हैं. आप इसलिए करें कि अच्छा लगे. नैतिकता वह है जो कानून में नहीं है, लेकिन यह विचार होना चाहिए कि अच्छा क्या और गलत क्या है.

हर काम के पीछे उद्देश्य होता है. उद्देश्य क्या होता है, इसे समझने की जरूरत है. बदलाव के लिए अपने-अाप से बड़ी लड़ाई लड़नी होती है. यह आसान नहीं है. काफी कठिन काम है, लेकिन जब आप कर लेंगे तब इसकी अच्छाई समझ में आयेगी. स्वभाव बदलना आसान नहीं है. लेकिन, जीवन में इसका प्रयोग करने की कोशिश करें. बदलाव दिखेगा. जीवन में गलती स्वीकार करने से अच्छा कुछ नहीं है. आनेवाले दिनों में कोल इंडिया दूसरे देश में अपने उत्पाद भेजने लगेगी. आनेवाले पांच दिनों में आप इसके महत्व को समझने लगेंगे. क्या होता है एथिक्स, क्यों और कैसे? क्यों और कैसे अपने अंदर में विकसित होगा. हमेशा मन की सुनें, अपने हृदय से सुनने की कोशिश करें.

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