चिंताजनक: 15000 स्कूलों के बच्चों का भविष्य दावं पर

रांची: यह कहना गलत नहीं होगा कि राज्य सरकार और पारा शिक्षकों के बीच चल रही खींचतान में प्राथमिक स्कूलों के हजारों बच्चों का भविष्य पिस रहा है. यह समस्या तभी से कायम है, जब से पारा शिक्षकों की नियुक्ति शुरू हुई है. प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए पूरे देश में सर्व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 17, 2016 6:50 AM
रांची: यह कहना गलत नहीं होगा कि राज्य सरकार और पारा शिक्षकों के बीच चल रही खींचतान में प्राथमिक स्कूलों के हजारों बच्चों का भविष्य पिस रहा है. यह समस्या तभी से कायम है, जब से पारा शिक्षकों की नियुक्ति शुरू हुई है. प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए पूरे देश में सर्व शिक्षा अभियान चलाया जा रहा है.

अभियान के तहत केंद्र सरकार प्रतिवर्ष अरबों रुपये खर्च भी कर रही है. हर एक किमी पर एक प्राथमिक और दो किमी मध्य विद्यालय की स्थापना की जा रही है. पारा शिक्षकों और शिक्षा कर्मियों की नियुक्ति भी इसी अभियान का हिस्सा हैं. झारखंड में आंदोलनरत पारा शिक्षकों, शिक्षा परियोजनाकर्मियों और बीआरपी-सीआरपी के कर्मचारियों का कहना है कि वे नियुक्ति के समय से ही समस्या से त्रस्त हैं. धरना-प्रदर्शन और हड़ताल का सिलसिला भी जारी है. हर बार राज्य सरकार आंदोलनकारी संगठनों से वार्ता अौर समझाैता भी करती है, लेकिन इन समझौतों पर अमल नहीं किया जाता है. उधर, हड़ताल का सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है.

इसलिए हड़ताल कर रहे हैं पारा शिक्षक : पारा शिक्षक अपनी सेवा स्थायी करने की मांग कर रहे हैं. वे चाहते हैं कि उन्हें सरकारी शिक्षक के पद पर समायोजित किया जाये और उसी के अनुरूप उन्हें वेतन दिया जाये. इसे लेकर पारा शिक्षक महासंघ कई बार आंदोलन कर चुका है. हर आंदाेलन के बाद राज्य सरकार मानदेय में बढ़ोतरी कर देती है. हालांकि, इस बार पारा शिक्षक केवल मानदेय बढ़ोतरी की शर्त पर अपना आंदोलन वापस लेने को तैयार नहीं हैं. वे पड़ोसी राज्य बिहार और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर सेवा स्थायी करने व निश्चित वेतनमान देने की मांग रहे हैं.
संविदा पर नियुक्त हुए पारा शिक्षक : राज्य गठन के समय प्राथमिक और मध्य विद्यालयों की संख्या लगभग 19,000 थी. सर्व शिक्षा अभियान शुरू होने के बाद विद्यालयों की संख्या करीब 41,000 पहुंच गयी. अपग्रेड कर 19,257 इजीएस को प्राथमिक और 10,258 प्राथमिक को मध्य विद्यालय बनाया गया. विद्यालयों में पारा शिक्षकों की नियुक्ति ग्राम शिक्षा समिति द्वारा की गयी. उनकी नियुक्ति संविदा के आधार पर की गयी थी और उनका मानदेय 500 रुपये प्रतिमाह तय किया गया था.
समायोजन नीति बनाये सरकार : झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक संघ के अध्यक्ष संजय दुबे ने कहा है कि सरकार ने अब तक पारा शिक्षकों के साथ विश्वासघात किया है. पारा शिक्षक अब तक आश्वासन पर आंदोलन समाप्त करते रहे हैं, लेकिन अब जब तक मांग पूरी नहीं होगी आंदोलन जारी रहेगा. हमारी मांग है कि सरकार पारा शिक्षकों के लिए समायोजन नीति बनाये व गत वर्ष हुए समझौता को लागू करे.
आज से हड़ताल पर जाने की तैयारी
टेट की अनिवार्यता से छूट देकर सरकारी शिक्षक के पद पर समायोजन करने, सात हजार अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण देने, 26 अगस्त 2015 को हुए पांच सूत्री समझाैते को लागू करने, रसोइयों के मानदेय में वृद्धि करने सहित अन्य मांगों को लेकर झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक महासंघ ने 17 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है. मांगे पूरी होने के बाद ही (अधिसूचना जारी होने के बाद) शिक्षक हड़ताल से वापस लाैटेंगे. इस बार आर-पार की लड़ाई लड़ने के उद्देश्य से पारा शिक्षकों द्वारा तैयारी की जा रही है.
आंदोलन के बाद बढ़ जाता है मानदेय
सर्व शिक्षा अभियान के तहत नियुक्त हुए पारा शिक्षकों को शुरुआत में प्रतिमाह 500 रुपये मानदेय मिलता था. वर्ष 2003 में पारा शिक्षकों का मानेदय बढ़ा कर 1000 रुपये प्रतिमा किया गया. वर्ष 2004 में मानदेय बढ़ कर 2000 हो गया. वर्ष 2005 में आंदोलन के बाद पारा शिक्षकों के मानदेय को तीन स्लैब में बांटा गया. शिक्षकों को 2500, 3000 व 3500 रुपये दिया जाने लगा. वर्ष 2009 में मानदेय बढ़ाकर 5000, 5500 व 6000 रुपये कर दिया गया. वर्तमान में एक शिक्षक को न्यूनतम 6700 व अधिकतम 8400 रुपये मानदेय मिलता है.
कब कितना बढ़ा मानदेय
वर्ष 2002 : सभी पारा शिक्षकों का मानदेय 1000
वर्ष 2004 : अप्रशिक्षित पारा शिक्षक 2000
प्रशिक्षित पारा शिक्षक 2500
वर्ष 2008 : इंटर अप्रशिक्षित पारा शिक्षक 2500
इंटर प्रशिक्षित व स्नातक अप्रशिक्षित 3000
वर्ष 2009 : इंटर अप्रशिक्षित पारा शिक्षक 4000
इंटर प्रशिक्षित व स्नातक अप्रशिक्षित 4500
वर्ष 2013 : (प्राथमिक कक्षा)इंटर अप्रशिक्षित पारा शिक्षक 6200
इंटर प्रशिक्षित पारा शिक्षक 6500
Àप्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा पास 6700
वर्ष 2013 : À(उप्रा कक्षा) स्नातक अप्रशिक्षित पारा शिक्षक 5700
स्नातक प्रशिक्षित पारा शिक्षक 6200
प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा पास 7000
वर्ष 2014 : (प्राथमिक कक्षा) इंटर अप्रशिक्षित पारा शिक्षक 6800
इंटर प्रशिक्षित पारा शिक्षक 7400
प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा पास 7800
वर्ष 2014 : (उप्रा कक्षा) स्नातक अप्रशिक्षित पारा शिक्षक 7400
स्नातक प्रशिक्षित पारा शिक्षक 8000
प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा पास 8400
नोट : वर्ष 2016 अप्रैल से पारा शिक्षकों के मानदेय में 10% की बढ़ोतरी की गयी है.

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