गोपालका व गुप्ता बंधुओं के पास 10 करोड़ अघोषित संपत्ति
रांची : आयकर छापे में मिले दस्तावेज के आधार पर हुई पूछताछ के बाद गोपलका व गुप्ता बंधुओं ने अपने पास 10 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति होने की बात मान ली है. छापेमारी के दौरान आयकर अधिकारियों ने इस ग्रुप द्वारा छह साल पहले जुटाये गये पांच करोड़ रुपये से अधिक के काला धन […]
रांची : आयकर छापे में मिले दस्तावेज के आधार पर हुई पूछताछ के बाद गोपलका व गुप्ता बंधुओं ने अपने पास 10 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति होने की बात मान ली है. छापेमारी के दौरान आयकर अधिकारियों ने इस ग्रुप द्वारा छह साल पहले जुटाये गये पांच करोड़ रुपये से अधिक के काला धन से संबंधित दस्तावेज भी जब्त कर लिये हैं. इससे अब इस ग्रुप को लोगों से छह साल पहले जुटाये गये काले धन की घोषणा ‘इनकम टैक्स डिसक्लोजर स्कीम’ के तहत करनी होगी.
रांची के निजी फाइनेंस कंपनी चलानेवालों के रांची और कोलकाता स्थित ठिकानों पर 16 सितंबर को शुरू हुई छापेमारी 18 सितंबर को समाप्त हो गयी. अघोषित संपत्ति इन व्यापारियों (चंद्रकांत गोपालका, किशाेर गोपालका, आलोक गुप्ता, संजय गुप्ता) ने पिछले छह साल के दौरान जमा की थी. आयकर अधिकारियों ने छापेमारी के दौरान इनके ठिकानों से कुल 71.5 लाख रुपये नकद जब्त किये. इसके अलावा पांच लॉकरों को सील कर दिया.
छापेमारी के दौरान आयकर अधिकारियों को छह ऐसे बैंक खातों से संबंधित जानकारी मिली, जिन्हें आयकर रिटर्न में घोषित नहीं किया गया था. यह खाते आइडीबीआइ, एक्सिस और सेंट्रल बैंक की शाखाओं में हैं. आयकर अधिकारियों ने इन व्यापारियों के ठिकानों से छह साल पहले जुटाये गये काले धन से संबंधित दस्तावेज भी जब्त किये हैं.
इनकम टैक्स डिसक्लोजर स्कीम लागू होने से पहले तक आयकर अधिकारी छह साल पहले के काले धन के मामले में किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर सकते थे, पर अब इस तरह के मामलों मे कार्रवाई का अधिकार विभाग को है. गोपालका और गुप्ता बंधुओं ने अगर 30 सितंबर तक इनकम टैक्स डिसक्लोजर स्कीम के तहत छह साल पहले के अपने काले धन की घोषणा नहीं की, तो कानूनी कार्रवाई होगी. इन दोनों व्यापारियों के रांची और कोलकाता स्थित ठिकानों पर छापामारी में अपर निदेशक अनुसंधान प्रणव कुमार, उप निदेशक मयंक मिश्रा, अपर आयुक्त अरविंद कुमार, उपायुक्त रंजीत मधुकर के अलावा जमशेदपुर और कोलकाता के आयकर अधिकारी शामिल थे