पारा शिक्षक, बीआरपी व सीआरपी हड़ताल पर
रांची : पारा शिक्षक, बीआरपी व सीआरपी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गयेे. विभिन्न मांगों को लेकर झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक महासंघ व बीआरपी सीआरपी महासंघ, झारखंड प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार से जिला मुख्यालयों में धरना-प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार की नीतियों के विरोध में नारेबाजी की. रांची के डोरंडा स्थित मध्य […]
रांची : पारा शिक्षक, बीआरपी व सीआरपी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गयेे. विभिन्न मांगों को लेकर झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक महासंघ व बीआरपी सीआरपी महासंघ, झारखंड प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार से जिला मुख्यालयों में धरना-प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार की नीतियों के विरोध में नारेबाजी की. रांची के डोरंडा स्थित मध्य विद्यालय बीएमपी परिसर में शिक्षा परियोजना कार्यालय के समक्ष बीआरपी, सीआरपी व पारा शिक्षकों ने धरना-प्रदर्शन किया.
यहां कहा गया कि 20 से लेकर 23 सितंबर तक आंदोलनकारी काला झंडा के साथ सभी प्रखंडों में संयुक्त मोटरसाइकिल जुलूस निकालेंगे. स्कूल, सीआरसी, बीआरसी व जिला शिक्षा कार्यालयों में तालाबंदी की जायेगी. 24 सितंबर को संयुक्त बैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति तैयार होगी़ मौके पर विक्रांत ज्योति, पिंटू सिंह, पंकज शुक्ला, अमर खत्री, मधुसूदन सिंह, विनय शर्मा सहित कई प्रदर्शनकारी मौजूद थे. उधर, हड़ताल पर चले जाने से प्राथमिक व मवि के साथ शिक्षा कार्यालयों में पठन-पाठन व कामकाज प्रभावित हुआ.
बीआरपी-सीआरपी महासंघ की मांगें
अन्य राज्यों की तरह झारखंड में कार्यरत बीआरपी, सीआरपी, आरपी को वेतन-भत्ता व अन्य सुविधाअों का लाभ दिया जाये.
स्वीकृत पदों पर समंजन किया जाये.
इपीएफ कटाैती का लाभ व जीवन बीमा का लाभ दिया जाये.
प्राथमिक व उवि में शिक्षक नियुक्ति में बीआरपी, सीआरपी, आरपी को भी आरक्षण का लाभ मिले.
अनुश्रवण भत्ता नहीं मिलने पर प्रतिदिन तीन विद्यालय भ्रमण संबंधी आदेश निरस्त करें.
सीआरपी के प्रखंड संसाधन केंद्र में प्रतिदिन जाकर भ्रमण पंजी में अनुश्रवण प्रतिवेदन अंकित करने का आदेश निरस्त किया जाये.
पारा शिक्षकों की मांगें
टेट की अनिवार्यता से छूट देकर सरकारी शिक्षक के पद पर समायोजन करने.
7000 अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों को प्रशिक्षण देने.
26 अगस्त 2015 को हुए पांच सूत्री समझाैते को लागू करने.
रसोइयों के मानदेय में वृद्धि करने सहित अन्य मांगें शामिल हैं.