भाकपा माओवादी ने बदली अपनी रणनीति

रांची: भाकपा माओवादी के नक्सलियों ने हाल में अपनी कई रणनीतियों में बदलाव लाया है. इससे पुलिस महकमा परेशान है. संगठन के सेंट्रल कमेटी सदस्य सुधाकरन के झारखंड में आने के बाद नक्सली एक बार फिर से ग्रामीणों, मजदूरों को अपने पक्ष में करने में जुट गये हैं. नक्सलियों द्वारा नया नारा (अपना गांव अपना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 20, 2016 1:40 AM
रांची: भाकपा माओवादी के नक्सलियों ने हाल में अपनी कई रणनीतियों में बदलाव लाया है. इससे पुलिस महकमा परेशान है. संगठन के सेंट्रल कमेटी सदस्य सुधाकरन के झारखंड में आने के बाद नक्सली एक बार फिर से ग्रामीणों, मजदूरों को अपने पक्ष में करने में जुट गये हैं. नक्सलियों द्वारा नया नारा (अपना गांव अपना राज ) शुरू किया गया है. इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों में डर पैदा करने के लिए जन अदालत लगा कर हत्या करना भी शुरू कर दिया है. पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता आइजी अभियान एमएस भाटिया कहते हैं : सुधाकरन के आने के बाद स्थिति में बदलाव आया है. नक्सली एक बार फिर से ग्रामीणों से जुड़े मुद्दों को उठाने में लगे हैं. पुलिस विभाग स्थिति पर नजर रखे हुए है.

पुलिस के एक सूत्र ने बताया कि सुधाकरन के आने के बाद एक बदलाव यह भी आया है कि एरिया कमांडर, जोनल कमांडर, सब जोनल कमांडर जैसे नक्सलियों ने या तो मोबाइल का इस्तेमाल कम कर दिया है या बंद ही कर दिया है. इसका असर संगठन के बारे में सूचना जुटाने पर पड़ रहा है. गुमला के बिशुनपुर इलाके में वार्ड सदस्य और लोहरदगा के पेशरार में कंपाउंडर की हत्या की घटना को पुलिस ग्रामीणों में संगठन का डर पैदा करने की कोशिश से जोड़ कर देख रही है.
21 से 27 तक माओवादियों का स्थापना सप्ताह
भाकपा माओवादी के नक्सली 21 से 27 सितंबर तक संगठन का स्थापना सप्ताह मनायेंगे. इसे लेकर माओवादियों ने प्रभावित इलाकों में पोस्टरबाजी की. कुछ पोस्टर में अपना गांव अपना राज के लिए सशस्त्र क्रांति को सफल करने का आह्वान किया गया है. चाईबासा के कुछ कंपनियों का नाम लेकर मजदूरों की छंटनी के विरोध में लड़ने के लिए शपथ लेने की बात कही है.
पिछले 10 दिनों की घटनाएं
10 सितंबर : नक्सलियों ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ 10 सितंबर को झारखंड बंद बुलाया.
16 सितंबर : गुमला के बिशुनपुर में नक्सलियों ने वार्ड सदस्य करमा उरांव की हत्या कथित रूप से जन अदालत लगा कर की.
18 सितंबर : नक्सलियों ने चाईबासा के मुसाबनी क्षेत्र में विभिन्न कंपनियों से छंटनी किये गये मजदूरों के पक्ष में पोस्टरबाजी की और सशस्त्र आंदोलन से जुड़ने की अपील की.
18 सितंबर : लोहरदगा के पेशरार में पुलिस मुखबिर बता कर कंपाउंडर बिंदेश्वरी उरांव की हत्या कर दी.

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