फूट की राजनीति करनेवालाें से सावधान रहें लाेग: सीएम

गुमला-रांची: गुमला में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि आदिवासी-मूलवासी की बात सुन कर कान पकने लगा है. कुछ दल फूट डालने की राजनीति कर रहे हैं. लेकिन मैं कह दूं. सरकार किसी एक दल के इच्छा से नहीं चलती है, बल्कि पॉलिसी से चलती है. कुछ नेता ऐसे हैं. जिनका काम जनता को बरगलाना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 24, 2016 12:44 AM
गुमला-रांची: गुमला में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि आदिवासी-मूलवासी की बात सुन कर कान पकने लगा है. कुछ दल फूट डालने की राजनीति कर रहे हैं. लेकिन मैं कह दूं. सरकार किसी एक दल के इच्छा से नहीं चलती है, बल्कि पॉलिसी से चलती है. कुछ नेता ऐसे हैं. जिनका काम जनता को बरगलाना है. ऐसे लोगों से जनता सावधान रहे. मुख्यमंत्री शुक्रवार को गुमला के परमवीर अलबर्ट एक्का स्टेडियम में दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल स्तरीय स्वयं सहायता समूह व पंचायत सचिवालय सशक्तीकरण सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. इसमें गुमला, रांची, खूंटी, सिमडेगा व लोहरदगा के सैकड़ों लोग शामिल हुए. सीएम ने पहले सत्र में महिला स्वयं सहायता समूहों को संबोधित किया.
नारी एक संस्कार है, उसमें त्याग की भावना है
शहीद के परिजन को दिये चेक : उड़ी में हुए आतंकी हमले में शहीद खूंटी के जावरा मुंडा व गुमला के नायमन कुजूर के परिजन को सीएम ने 10-10 लाख रुपये का चेक दिया. शहीद की पत्नी ने चेक प्राप्त किया.
सिमडेगा की महिलाओं को 5.50 करोड़ मिले : सम्मेलन में सिमडेगा जिले की सभी महिला समूहों को पांच करोड़ 50 लाख रुपये का चेक दिया गया. मुख्यमंत्री ग्राम योजना के तहत गुमला की 71 महिला समूहों को एक-एक लाख रुपये दिये गये. मौके पर आजीविका कैलेंडर, महिलाओं की सफलता की कहानी पर लिखी गयी पुस्तक व लघु वनोत्पाद पर तैयार पुस्तक का विमोचन भी किया गया.
महिलाओं ने सुनायी संघर्ष की कहानी: सिमडेगा की सुहागिनी देवी, गुमला की बांसडीह की किरण बाखला, खूंटी की मरियम नाग, रांची के रामपुर गांव की हर्षित लकड़ा व नामकुम की सिलवंती लकड़ा ने अपने संघर्ष की कहानी बतायी. इनलोगों ने बताया कि वे महिला समूह से जुड़ कर आज अपने पैरों में खड़ी हैं.
इन्होंने भी किया संबोधित : सम्मेलन में केंद्रीय राज्य मंत्री सुदर्शन भगत, स्पीकर दिनेश उरांव, मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, विधायक शिवशंकर उरांव व विमला प्रधान, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, सचिव अमित खरे, एनएन सिन्हा व परितोष उपाध्याय ने भी विचार रखे़

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