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केंद्रीय विद्यालय की तरह रखे जायेंगे शिक्षक

रांची: राज्य में कस्तूरबा व मॉडल स्कूल में केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर शिक्षक रखे जायेंगे. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इससे संबंधित पत्र शुक्रवार को जारी कर दिया. दोनों विद्यालयों में स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक रखे जायेंगे. शिक्षकों को प्रतिमाह लगभग 25 हजार का मानदेय दिया जायेगा. दोनों विद्यालयों में फिलहाल घंटी आधारित शिक्षक […]

रांची: राज्य में कस्तूरबा व मॉडल स्कूल में केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर शिक्षक रखे जायेंगे. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इससे संबंधित पत्र शुक्रवार को जारी कर दिया. दोनों विद्यालयों में स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक रखे जायेंगे. शिक्षकों को प्रतिमाह लगभग 25 हजार का मानदेय दिया जायेगा. दोनों विद्यालयों में फिलहाल घंटी आधारित शिक्षक रखे गये हैं. उन्हें प्रति घंटी 120 रुपये के हिसाब से मानदेय का भुगतान किया जाता है. मानदेय कम होने के कारण विद्यालय में पठन-पाठन के लिए शिक्षक नहीं मिलते हैं. मॉडल स्कूल में आधे से अधिक शिक्षकों ने काम छोड़ दिया. विद्यालय में शिक्षक रखने के लिए प्रक्रिया निर्धारण की जिम्मेदारी झारखंड माध्यमिक शिक्षा परियोजना परिषद व झारखंड शिक्षा परियोजना को दिया गया है.
मॉडल स्कूल में शिक्षक माध्यमिक शिक्षा परियोजना परिषद व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की देखरेख में शिक्षक रखे जायेंगे. प्रथम चरण में शिक्षक मार्च 2017 तक के लिए रखे जायेंगे. बाद में आवश्यकता अनुरूप शिक्षकों को अवधि विस्तार दिया जायेगा. उल्लेखनीय है कि राज्य में 203 कस्तूरबा व 89 मॉडल स्कूल है, जिसमें कक्षा छह से 12वीं तक की पढ़ाई होती है.
आठ विषय में रखे जायेंगे शिक्षक
विद्यालय में फिलहाल हिंदी, गणित, अंगरेजी, रसायन, भौतिकी, जीवविज्ञान, अर्थशास्त्र व भूगोल विषय में शिक्षक रखे जायेंगे. शिक्षक कक्षा नौवीं से 12वीं तक पढ़ाई के लिए रखे जायेंगे. कस्तूरबा स्कूल में 1624 व मॉडल स्कूल में 712 शिक्षक रखे जायेंगे. दोनों कोटि के विद्यालय को मिला कर राज्य भर में 2336 शिक्षक रखे जायेंगे. कस्तूरबा स्कूल में शिक्षकाें की नियुक्ति के लिए पद सृजन किया जा चुका है, जबकि मॉडल स्कूल में पद सृजन की प्रक्रिया चल रही है. दोनों विद्यालयों में स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति तक मानदेय आधारित शिक्षक रखे जायेंगे.
कस्तूरबा में शुरू हुई है साइंस व कॉमर्स की पढ़ाई
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में कक्षा छह से 12वीं तक की पढ़ाई होती है. विद्यालय में कक्षा छह से आठ तक की पढ़ाई के लिए 60 फीसदी राशि भारत सरकार देती है, जबकि कक्षा नौवीं से 12वीं तक की पढ़ाई के लिए शत-प्रतिशत राशि राज्य सरकार देती है. मॉडल स्कूल के लिए भी केंद्र सरकार ने राशि देना बंद कर दिया है. ऐसे में दोनों कोटि के विद्यालय में शिक्षकों के मानदेय का भुगतान राज्य सरकार के स्तर से किया जायेगा. कस्तूरबा स्कूल में प्लस-टू स्तर पर साइंस व कॉमर्स की पढ़ाई भी शुरू की गयी है. इसके लिए वहां फिलहाल सरकारी विद्यालय के उच्च योग्यताधारी शिक्षकों को प्रतिनियुक्त किया गया है.

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