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सात मंडियां हो जायेंगी अॉनलाइन

रांची: झारखंड की सात और मंडी इ-प्लेटफॉर्म से जुड़ जायेगी. यह काम 29 व 30 सितंबर को होगा. दो दिन में पूरे देश में 200 मंडियों को इ-प्लेटफॉर्म से जोड़ा जायेगा. यह भारत सरकार के इ-प्लेटफॉर्म का दूसरा चरण होगा. इसमें झारखंड से धनबाद, जमशेदपुर, चाईबासा, सिमडेगा, लोहरदगा और डालटेनगंज मंडी को जोड़ा जा रहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 29, 2016 1:44 AM
रांची: झारखंड की सात और मंडी इ-प्लेटफॉर्म से जुड़ जायेगी. यह काम 29 व 30 सितंबर को होगा. दो दिन में पूरे देश में 200 मंडियों को इ-प्लेटफॉर्म से जोड़ा जायेगा. यह भारत सरकार के इ-प्लेटफॉर्म का दूसरा चरण होगा. इसमें झारखंड से धनबाद, जमशेदपुर, चाईबासा, सिमडेगा, लोहरदगा और डालटेनगंज मंडी को जोड़ा जा रहा है. इससे किसानों को लाभ होगा.

भारत सरकार ने 2018 तक देश की सभी 585 मंडियों को इ-प्लेटफॉर्म से जोड़ने का निर्णय लिया है. इससे किसान राज्य की किसी भी मंडी से पूरे देश की किसी भी मंडी से अनाज की खरीद-बिक्री की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. ऑन लाइन चीजों की खरीद और बिक्री भी हो सकती है. यह जानकारी राज्य के कृषि मंत्री रणधीर कुमार सिंह ने बुधवार को अपने कार्यालय कक्ष में प्रेस वार्ता में दी.
एक हजार महिला एसएचजी के खाते में दो-दो लाख : मंत्री श्री सिंह ने बताया कि राज्य के एक हजार महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी)को दो-दो लाख रुपये दिये जा रहे हैं. इससे समूह कृषि उपकरण ले सकेंगे. समूह की महिलाएं इसका उपयोग आसपास में खेती को बढ़ावा देने के लिए करेंगी. इससे उत्पादन में 25 फीसदी वृद्धि की संभावना है. राज्य के छोटे किसानों व स्वयं सहायता समूहों के बीच 60 करोड़ की लागत से पंप सेट का वितरण किया जायेगा. इससे 1.5 से तीन एचपी तक के मोटर पंप की खरीद हो सकती है. इससे 20 हजार किसानों को लाभ मिलेगा. किसानों को 30-30 हजार रुपये दिये जायेंगे. इन किसानों का अपना जल स्रोत होना चाहिए.
जैविक खेती करने वालों को 50 फीसदी अनुदान
मंत्री श्री सिंह ने बताया कि राज्य में जैविक खेती करने वाले किसानों को 50 फीसदी अनुदान भी दिया जायेगा. यह राशि किसानों के खाते में दी जायेगी. इसके लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. बीजीआरआइ के तहत 13080 पंप सेट का वितरण भी किया जायेगा. मंत्री ने बताया कि राज्य में 500 बीज ग्राम की स्थापना की गयी है. इससे 3.70 लाख टन बीज उत्पादन होने की संभावना है. छह लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाने की प्रक्रिया चल रही है. इसमें से दो लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाये गये हैं.

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