अल्टीमेटम: डॉक्टरों ने सरकार को तीन अक्तूबर तक का दिया समय, आज से काम पर लौटेंगे डाॅक्टर

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (अाइएमए) एवं झारखंड राज्य चिकित्सा सेवा संघ (झासा) की बैठक शुक्रवार को करम टोली चौक स्थित आइएमए भवन में हुई, जिसमें सरकार को तीन अक्तूबर तक का समय देने का निर्णय लिया गया. झासा सचिव डॉ विमलेश सिंह एवं आइएमए सचिव डॉ प्रदीप सिंह ने बताया कि अगर सरकार हमारी मांगों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 1, 2016 7:15 AM
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (अाइएमए) एवं झारखंड राज्य चिकित्सा सेवा संघ (झासा) की बैठक शुक्रवार को करम टोली चौक स्थित आइएमए भवन में हुई, जिसमें सरकार को तीन अक्तूबर तक का समय देने का निर्णय लिया गया. झासा सचिव डॉ विमलेश सिंह एवं आइएमए सचिव डॉ प्रदीप सिंह ने बताया कि अगर सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है, तो तीन अक्तूबर को चिकित्सकों के साथ बैठक होगी, जिसमें आगे के आंदोलन की रणनीति तैयार की जायेगी.
रांची : सरकारी व निजी डॉक्टरों के हड़ताल से शुक्रवार को राजधानी की चिकित्सा सेवा चरमरा गयी. मरीज इलाज के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल का चक्कर लगाते रहे, लेकिन उन्हें परामर्श नहीं मिला. अस्पताल पहुंचने पर मरीजों को यह कह कर लौटा दिया गया कि आज डॉक्टर मरीजों को नहीं देख रहे हैं. सिर्फ इमरजेंसी में गंभीर मरीजों को डॉक्टर साहब देखेंगे. बुखार-सर्दी व सामान्य बीमारी का इलाज नहीं किया जायेगा. शनिवार को ओपीडी में आयें.
इधर, झासा व आइएमए के अाह्वान पर 30 सितंबर को तीसरे दिन सरकारी डॉक्टरों के समर्थन में निजी डॉक्टर भी साथ आ गये. अस्पतालों व क्लिनिक के सामने आेपीडी बंद होने की सूचना चस्पा करा दी गयी. मरीज को लेकर आनेवाले परिजनों को बैरंग वापस लौटा दिया गया. इमरजेंसी में भी कई मरीजों को परामर्श नहीं दिया गया.
रिम्स : ओपीडी में भी डॉक्टर नहीं बैठे : शुक्रवार को रिम्स में भी डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार का असर देखने को मिला. ओपीडी खुला, मरीज भी परामर्श के लिए आये, लेकिन डाॅक्टर मौजूद नहीं थे. सुबह में ओपीडी में डॉक्टर बैठे, लेकिन आइएमए के पदाधिकारियों ने घूम-घूम कर ओपीडी बंद कराया. अंत में 11. 30 बजे के बाद अधिकांश ओपीडी में चिकित्सक नहीं थे. इमरजेंसी में भी सीनियर डॉक्टर नहीं दिखे.
सदर व डाेरंडा अस्पताल में सन्नाटा : रांची सदर अस्पताल व डाेरंडा औषधालय में डॉक्टरों ने तीसरे दिन भी कार्य बहिष्कार किया. अस्पताल में आये, हाजिरी भी बनायी, लेकिन डॉक्टरों ने परामर्श नहीं दिया.
निजी क्लिनिक में डॉक्टरों ने देखा मरीज : निजी अस्पताल व क्लिनिक के डाॅक्टरों ने इमरजेंसी का बहाना कर मरीजों को परामर्श दिया. महिला डॉक्टरों के क्लिनिक पर मरीजों की भीड़ रही. महिला डॉक्टरों ने परामर्श भी दिया और ऑपरेशन भी किया. उन पर आइएमए व झासा के हड़ताल का कोई असर नहीं पड़ रहा था.

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