सरकार ने 10.2 के बजाय 12% ब्याज पर लिया कर्ज

धान खरीदने के लिए लिया था कर्ज सरकार को ब्याज के रूप में 1.19 करोड़ रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे पीएजी द्वारा उठायी गयी आपत्तियों पर सरकार ने अपनी गलती मानी रांची : सरकार ने धान खरीदने के लिए महंगा कर्ज लिया. राष्ट्रीयकृत बैंक ने 10.2 प्रतिशत ब्याज पर कर्ज देने की पेशकश की थी, पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 10, 2016 6:07 AM
धान खरीदने के लिए लिया था कर्ज
सरकार को ब्याज के रूप में 1.19 करोड़ रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे
पीएजी द्वारा उठायी गयी आपत्तियों पर सरकार ने अपनी गलती मानी
रांची : सरकार ने धान खरीदने के लिए महंगा कर्ज लिया. राष्ट्रीयकृत बैंक ने 10.2 प्रतिशत ब्याज पर कर्ज देने की पेशकश की थी, पर सरकार ने 12 प्रतिशत ब्याज पर 200 करोड़ कर्ज लिया. इससे सरकार पर ब्याज का अतिरिक्त बोझ पड़ा. प्रधान महालेखाकार(पीएजी) द्वारा इस सिलसिले मेे उठायी गयी आपत्तियों के जवाब में सरकार ने अपनी गलती मानी है.
पीएजी ने ऑडिट के दौरान यह पाया था कि धान खरीदने की जिम्मेवारी राज्य खाद्य निगम को दी गयी थी. धान खरीदने के लिए निगम को पैसों की जरूरत थी. इसलिए बैंकों से कर्ज लेने के मामले में प्रस्ताव मांगे गये. इसमें राष्ट्रीयकृत बैंकों के अलावा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक ने हिस्सा लिया.
राष्ट्रीयकृत बैंकों में से इलाहाबाद बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 10.2 प्रतिशत ब्याज पर कर्ज देने की पेशकश की थी़ वहीं सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक ने 12 प्रतिशत ब्याज पर कर्ज देने की पेशकश की थी. सरकार ने पहले राष्ट्रीयकृत बैंकों से बातचीत की, पर बाद में अधिक ब्याज पर 200 करोड़ का कर्ज लिया.
इससे सरकार को सूद के रूप में 1.19 करोड़ रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे. अधिक ब्याज पर कर्ज लेने के मामले में पीएजी द्वारा उठायी गयी आपत्तियों पर सरकार ने अपनी गलती मान ली है. सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि राष्ट्रीयकृत बैंक कर्ज देने के लिए राज्य खाद्य निगम का ऑडिटेड आकाउंट मांग रहे थे. पर निगम का ऑडिटेड आकाउंट नहीं होने की वजह से सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक से अधिक ब्याज पर कर्जलिया गया.

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