झारखंड : सरकारी डॉक्टर कल देंगे सामूहिक इस्तीफा

रांची: झारखंड हेल्थ सर्विस एसोसिएशन (झासा) के डॉक्टर 15 अक्तूबर को सामूहिक इस्तीफा देंगे. इस्तीफा मुख्यमंत्री रघुवर दास को सौंपा जायेगा. यह जानकारी आइएमए और झासा के पदाधिकारी डॉ विमलेश व डॉ प्रदीप ने गुरुवार को दी है. उनका दावा है कि देश के किसी भी राज्य में यह पहली बार होगा जब 1172 डॉक्टर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 14, 2016 7:21 AM
रांची: झारखंड हेल्थ सर्विस एसोसिएशन (झासा) के डॉक्टर 15 अक्तूबर को सामूहिक इस्तीफा देंगे. इस्तीफा मुख्यमंत्री रघुवर दास को सौंपा जायेगा. यह जानकारी आइएमए और झासा के पदाधिकारी डॉ विमलेश व डॉ प्रदीप ने गुरुवार को दी है. उनका दावा है कि देश के किसी भी राज्य में यह पहली बार होगा जब 1172 डॉक्टर सामूहिक इस्तीफा सौंपेंगे. इधर, स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने डॉक्टरों से ऐसे किसी कदम को न उठाने की अपील की है.

झासा और आइएमए के पदाधिकारियों ने कहा है कि राज्य सरकार ने अब तक उनकी मांगों पर विचार नहीं किया है. सरकार की इस उदासीनता को देखते हुए राज्य में सरकारी सेवा में कार्यरत गैर शैक्षणिक संवर्ग के 1172 डॉक्टर एक साथ इस्तीफा देंगे. ये सभी डॉक्टर पूर्व में ही अपना इस्तीफा आइएमए को सौंप चुके हैं.

तय तिथि को सभी इस्तीफे मुख्यमंत्री को सौंप दिये जायेंगे. गौरतलब है कि झासा के डॉक्टरों ने अपनी 20 सूत्री मांगों को लेकर 28, 29 व 30 सितंबर को सामूहिक कार्य बहिष्कार किया था. उसी समय 15 अक्तूबर को सामूहिक इस्तीफा देने की घोषणा की गयी थी. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को साथ दो-दो बार उनकी वार्ता हो चुकी. आइएमए के राज्य सचिव डॉ प्रदीप ने कहा कि वार्ता में आश्वासन दिया गया कि मांगों को मान लिया जायेगा. लेकिन, सरकार ने अब तक एक भी ऐसा कदम नहीं उठाया है, जिससे लगा कि डॉक्टरों की मांगों के प्रति सरकार गंभीर है. डॉ प्रदीप ने कहा कि 90 प्रतिशत मांगें ऐसी हैं, जो केवल विभागीय स्तर पर ही पूरी हो जायेंगी. इसके बावजूद विभाग के पदाधिकारी अानाकानी कर रहे हैं. डायनेमिक एसीपी की मांग डॉक्टरों का अधिकार है, जिसे देने में विभाग को कोई परेशानी भी नहीं है, लेकिन अब तक इससे संबंधित आदेश जारी नहीं किया गया. आइएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने विभाग को पत्र लिखकर डॉक्टरों की मांग पर गंभीरता से विचार करने का आग्रह किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.

…तो स्वीकार कर लिया जायेगा इस्तीफा : मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि डॉक्टरों की 90 प्रतिशत मांगे मान ली गयी हैं. मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट का प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है. इसके बाद भी इस्तीफा देने का क्या औचित्य है? दरअसल, डॉक्टर बायोमेट्रिक सिस्टम की जगह पुरानी पद्धति से ही हाजिरी बनाना चाहते हैं, लेकिन अब यह नहीं चलेगा. डॉक्टर ड्यूटी करते हैं, तो हाजिरी बनानी ही होगी. मंत्री ने कहा कि इसके बाद भी यदि डॉक्टर इस्तीफा सौंप ही देंगे, तो सरकार के पास उसे स्वीकार करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है.
आज वार्ता : स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी डॉक्टरों के साथ वार्ता करेंगे. 14 अक्तूबर को दिन के 12 बजे से वह डॉक्टरों के साथ बैठक कर उनकी मांगों पर चर्चा करेंगे.

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