संविदा पर कार्यरत 22 कर्मियों की हाजिरी बनाने पर रोक लगी

रांची: झारखंड राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी में संविदा पर कार्यरत कुल 22 लोगों से नियुक्ति संबंधी साक्ष्य मांगा गया है. साक्ष्य देने की अंतिम तिथि 31 अक्तूबर है. इससे पहले सात अक्तूबर से इन कर्मियों को सोसाइटी में अपनी उपस्थिति (अटेंडेंस) दर्ज करने पर रोक लगा दी गयी है. इनका वेतन भी अवरुद्ध है. वरीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 16, 2016 2:18 AM
रांची: झारखंड राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी में संविदा पर कार्यरत कुल 22 लोगों से नियुक्ति संबंधी साक्ष्य मांगा गया है. साक्ष्य देने की अंतिम तिथि 31 अक्तूबर है. इससे पहले सात अक्तूबर से इन कर्मियों को सोसाइटी में अपनी उपस्थिति (अटेंडेंस) दर्ज करने पर रोक लगा दी गयी है. इनका वेतन भी अवरुद्ध है. वरीय अधिकारियों के निर्देश पर सोसाइटी के अपर परियोजना निदेशक (एपीडी) डॉ भवेशानंद पोद्दार ने इन कर्मियों को शो कॉज किया है.
इसमें कहा गया है कि सोसाइटी की कई नियुक्तियों के विरुद्ध भुगतान में वित्त विभाग तथा तथा नेशनल एड्स कंट्रोल सोसाइटी (नाको) के दिशा निर्देशों का उल्लंघन हो रहा है. इसलिए इस संबंध में साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करने या कारण नहीं बताने पर यह माना जायेगा कि संबंधित कर्मी को कुछ नहीं कहना है तथा उनकी संविदा पर एकपक्षीय निर्णय लिया जायेगा. गौरतलब है कि इन सबकी नियुक्ति तब हुई थी, जब डॉ प्रदीप कुमार स्वास्थ्य सचिव हुआ करते थे. उनके समय में सोसाइटी के पैड पर लिख कर नौकरियां बांटी गयी थीं. इसके लिए न कोई विज्ञापन निकाला गया था, न ही कोई सूचना प्रकाशित हुई थी. सूत्रों के अनुसार इन 22 कर्मियों में से छह ऐसे हैं, जिनके पास नियुक्ति पत्र के नाम पर कुछ भी नहीं है. इनमें सुदीप सान्याल (टीआइ प्रभारी), श्याम झा (लेखापाल), सुषमा (सहायक एसटीआइ), सियाराम मांझी (सहायक), सीमा सिन्हा (लेखापाल) व कुणाल (लेखापाल) शामिल हैं.
आरटीआइ बनी वजह
दरअसल किसी ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सोसाइटी के सभी कर्मियों की नियुक्ति संबंधी ब्योरा मांगा है. सूचना नहीं देने तथा बात आगे बढ़ने पर ही यह कार्रवाई हो रही है. इधर, सोसाइटी के जन सूचना पदाधिकारी डॉ सलील कुमार मंडल ने कहा कि जवाब तैयार है तथा मांगने पर इसे उपलब्ध करा दिया जायेगा. वहीं अपर एपीडी डॉ भवेशानंद पोद्दार ने पहले ही कहा है कि पीडी जानना चाहते हैं कि नियुक्ति संबंधी कोई गड़बड़ी तो नहीं है.
इन्हें भी शो कॉज
अमित कुमार (लेखापाल), अमित प्रकाश (सहायक सीएसटी), रीमा श्रीवास्तव (सहायक), सत्यवान (सहायक आइइसी), राजेश रंजन (सहायक कंप्यूटर लिटरेट), कृत रंजन (प्रोक्योरमेंट) रीना, बबीता, पवन कुमार, राकेश कुमार व कमल कांत चौबे (सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मी), रविशंकर व अमित (रात्रि प्रहरी), रवींद्र (चालक) अली (चपरासी) व राजकुमारी (डिस्पैच सेक्शन).
सोसाइटी में हड़कंप
सोसाइटी के परियोजना निदेशक (पीडी) सह एमडी एनएचएम डॉ अमिताभ कौशल के निर्देश पर हो रही इस कार्रवाई से कर्मियों में हड़कंप है. इन्होंने इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी से भी मुलाकात की है. मंत्री ने कहा है कि पीडी के रांची लौटने पर ही इस मुद्दे पर बात होगी.

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