अंतरिक्ष से की जायेगी अवैध खनन की निगरानी

रांची : भारत सरकार के विद्युत, कोयला, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा तथा खनन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल ने शनिवार को खनन निगरानी प्रणाली (एमएसएस) की शुरुआत की. झारखंड समेत देश के 13 राज्यों की मीडिया के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करते हुए पीयूष गोयल ने एमएसएस की लांचिंग की. उन्होंने बताया : उपग्रह आधारित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 16, 2016 2:19 AM
रांची : भारत सरकार के विद्युत, कोयला, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा तथा खनन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल ने शनिवार को खनन निगरानी प्रणाली (एमएसएस) की शुरुआत की. झारखंड समेत देश के 13 राज्यों की मीडिया के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करते हुए पीयूष गोयल ने एमएसएस की लांचिंग की.
उन्होंने बताया : उपग्रह आधारित निगरानी प्रणाली एमएसएस का उद्देश्य अवैध खनन पर रोक लगाना है. स्वचालित रिमोट सेंसिंग के उपयोग से सरकार एक जिम्मेदार खनिज प्रशासन की स्थापना करना चाहती है. खान मंत्रालय ने अवैध खनन गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए भारतीय खान ब्यूरो (आइबीएम) के माध्यम से एमएसएस विकसित किया है. इसे गांधीनगर के भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लीकेशंस एंड जियो-इनफॉर्मेटिक्स (बीआइएसएजी) और इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से तैयार किया गया है. डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत विकसित किये गये एमएसएस अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग से तैयार की गयी दुनिया की यह पहली निगरानी प्रणाली है.

श्री गोयल ने बताया : अब तक स्थानीय शिकायतों और अपुष्ट जानकारियों के आधार पर ही अवैध खनन गतिविधियों का पता लगाया जाता था. एमएसएस में खनन पट्टों को कार्टोसैट और यूएसजीएस से प्राप्त नवीनतम उपग्रह रिमोट सेंसिंग दृश्यों को सुपरइंपोज करता है. यह प्रणाली खनन सीमा के आसपास के 500 मीटर के क्षेत्र की किसी भी असामान्य गतिविधि की जांच करती है. विसंगति होने पर ट्रिगर के रूप में जानकारी देती है. स्वचालित सॉफ्टवेयर इमेज प्रोसेसिंग प्रौद्योगिकी की अनाधिकृत गतिविधियों पर संकेत भेजती है. इन संकेतों काे आइबीएम के रिमोट सेंसिंग नियंत्रण केंद्र में अध्ययन के बाद सत्यापन के लिए संबंधित क्षेत्र के जिला स्तर के खनन अधिकारियों को भेजा जाता है. उन्होंने बताया कि भारत में प्रमुख खनिजों के कुल 3843 खनन पट्टे हैं. इनमें से 1710 कार्यरत और 2133 बंद खदान हैं. अधिकांश कार्यरत खानों का डिजिटलीकरण कर दिया गया है. अगले तीन महीनों में बंद खदानों का डिजिटलीकरण भी राज्य सरकारों के माध्यम से कर दिया जायेगा.

प्रारंभिक चरण में एमएसएस सॉफ्टवेयर में 296 अवैध खनन की शिकायतें दर्ज की गयी हैं. यह शिकायतें विभिन्न राज्यों में 3994.87 हेक्टेयर के कुल खनन क्षेत्र से आयी हैं. मध्य प्रदेश के 46, गोवा के 42, कर्नाटक के 35, गुजरात के 32, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के 29, राजस्थान के 23, ओड़िशा के 20, हिमाचल प्रदेश के 11, महाराष्ट्र के आठ, मेघालय के सात, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के छह और झारखंड के दो मामले एमएसएस ने ट्रिगर किये हैं. मंत्री ने बताया : एमएसएस पूरी तरह से पारदर्शी प्रक्रिया है.

एक सरल मोबाइल एप्लिकेशन के जरिये कोई भी व्यक्ति असामान्य खनन गतिविधि की रिपोर्ट कर सकता है. एमएसएस में एक कार्यकारी डैशबोर्ड भी है. इस डैशबोर्ड का उपयोग करके अधिकारी देश भर की सभी प्रमुख खनिज खनन और खनन पट्टों की मैपिंग कर वर्तमान स्थिति, अवैध खनन के कारण, अवैध खनन से संबंधित निरीक्षणों की स्थिति और लगाये गये दंड की मॉनिटरिंग कर सकेंगे.

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