डायरिया पीड़ित बिफनी ने तोड़ा दम, पुराने कपड़े को गरीब पति ने बनाया कफन

भवनाथपुर : भवनाथपुर प्रखंड के अरसली उतरी पंचायत स्थित लरहरा गांव में आदिम जनजाति की महिला बिफनी देवी की मौत डायरिया से हो गयी़ गरीबी के कारण बिफनी देवी का अंतिम संस्कार बिना कफन के ही पुराने कपड़े ओढ़ा कर करना पड़ा़ बिफनी के परिजनों ने मुखिया व अन्य लोगों से मदद मांगी, लेकिन किसी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 17, 2016 7:28 AM
भवनाथपुर : भवनाथपुर प्रखंड के अरसली उतरी पंचायत स्थित लरहरा गांव में आदिम जनजाति की महिला बिफनी देवी की मौत डायरिया से हो गयी़ गरीबी के कारण बिफनी देवी का अंतिम संस्कार बिना कफन के ही पुराने कपड़े ओढ़ा कर करना पड़ा़ बिफनी के परिजनों ने मुखिया व अन्य लोगों से मदद मांगी, लेकिन किसी ने मदद नहीं की़
इलाज के अभाव में मर गयी बिफनी : डायरिया पीड़ित बिफनी देवी को समुचित इलाज कराने के लिए भी पैसे नहीं थे. किसी तरह पैसे की व्यवस्था कर परिजन डोली-खटोली से उसे भवनाथपुर टाउनशिप ला रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया. इसके बाद बिफनी का शव गांव लाया गया. परिजनों के पास पैसे नहीं थे. इस कारण वे कफन सहित दाह-संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री नहीं खरीद सके़
परिजनों ने मुखिया प्रेमशीला देवी के पति श्याम सुंदर गुप्ता से भी आर्थिक मदद मांगी, लेकिन रविवार की सुबह आठ बजे तक उन्होंने कोई मदद नहीं की. मृतका के पति ने घर में पड़े पुराने कपड़े को ही कफन बनाकर उसे ओढ़ाकर अंतिम संस्कार कर दिया़
आदिम जनजाति बहुल गांव है लरहरा : लरहरा गांव आदिम जनजाति बहुल है़ गांव से टाउनशिप की दूरी मात्र तीन किमी है, लेकिन आवागमन का पगडंडी के अलावा कोई साधन नहीं है़ इस वजह से मरीज को डोली-खटोली के माध्यम से ही अस्पताल लाना पड़ता है़

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