रद्द हो सकता है दोनों फ्लाई अोवरों का टेंडर

राजधानी में दो फ्लाई आेवर बनाने की योजना पर काम चल रहा है. लेकिन, तकनीकी पेच फंसने की वजह से इन दोनों फ्लाई ओवरों की निविदा रद्द हो सकती है. जिन तीन कंपनियों ने इसके लिए निविदा डाली थी, उनमें सबसे लोवेस्ट बिडर (एल-वन) कंपनी ने शिड्यूल्ड तय रेट से 49 प्रतिशत अधिक रेट भरा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 18, 2016 1:52 AM
राजधानी में दो फ्लाई आेवर बनाने की योजना पर काम चल रहा है. लेकिन, तकनीकी पेच फंसने की वजह से इन दोनों फ्लाई ओवरों की निविदा रद्द हो सकती है. जिन तीन कंपनियों ने इसके लिए निविदा डाली थी, उनमें सबसे लोवेस्ट बिडर (एल-वन) कंपनी ने शिड्यूल्ड तय रेट से 49 प्रतिशत अधिक रेट भरा है. इससे नगर विकास विभाग ऊहापोह में है. दोनों फ्लाई अोवर का शिलान्यास 15 नवंबर को होनेवाला था, लेकिन पेच फंसने के कारण यह तिथि भी टल सकती है.
रांची:राजधानी में बनने वाले दोनों फ्लाई ओवरों के लिए निविदा की प्रक्रिया नगर विकास की कंपनी जुडको द्वारा पूरी करायी जा रही है. जिन तीन कंपनियों ने निविदा डाली थी, उनमें दिल्ली की एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन प्रा लि, मुंबई की जेएमसी प्रोजेक्ट्स इंडिया लि और हैदराबाद की नागार्जुना कंस्ट्रक्शन शामिल हैं.

इन तीनों कंपनियों का चयन टेक्निकल बिड के माध्यम से हुआ था. मामला तब फंसा जब फायनेंशियल बिड खोली गयी. सूत्रों ने बताया कि नगर विकास विभाग ने दोनों फ्लाई ओवरों के लिए शिड्यूल्ड रेट 157 करोड़ रुपये तय किया गया है. कांटाटोली के फ्लाई ओवर के लिए 31 करोड़ और रातू रोड-हरमू रोड फ्लाई ओवर के लिए 126 करोड़ की लागत तय की गयी है. फायनेंशियल बिड में एल-वन घोषित कंपनी मुंबई की जेएमसी प्रोजेक्टस इंडिया लि ने शिड्यूल्ड रेट से 49% अधिक दर दिया है, जो लगभग 233 करोड़ रुपये है. यह निर्धारित लागत से लगभग 76 करोड़ रुपये ज्यादा हैं. हालांकि, जुडको द्वारा पिछले तीन दिनों से कंपनी के साथ दर को लेकर बातचीत चल रही है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि कंपनी दर कम करने को राजी नहीं हो रही है. वैसे, नगर विकास विभाग को निर्धारित राशि से केवल 10% अधिक दर पर निविदा फाइनल करने का अधिकार है. एल-टू कंपनी एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन प्रा लि और एल-थ्री कंपनी नागार्जुना है.

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