बड़कागांव विधायक निर्मला देवी गिरफ्तार
हजारीबाग: बड़कागांव की कांग्रेस विधायक निर्मला देवी को पुलिस ने मंगलवार शाम शहर के ओकनी शिवपुरी मुहल्ला स्थित बसपा नेत्री के घर से गिरफ्तार किया. विधायक के साथ मुकेश साव और मंटू सोनी को भी गिरफ्तार किया गया. इनके खिलाफ बड़कागांव थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज है. शाम सात बजे निर्मला देवी को लेकर पुलिस […]
हजारीबाग: बड़कागांव की कांग्रेस विधायक निर्मला देवी को पुलिस ने मंगलवार शाम शहर के ओकनी शिवपुरी मुहल्ला स्थित बसपा नेत्री के घर से गिरफ्तार किया. विधायक के साथ मुकेश साव और मंटू सोनी को भी गिरफ्तार किया गया. इनके खिलाफ बड़कागांव थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज है.
शाम सात बजे निर्मला देवी को लेकर पुलिस सदर अस्पताल पहुंची, जहां मेडिकल जांच की गयी. इसके बाद उन्हें न्यायिक दंडाधिकारी सुधामणि सिंह के कोर्ट में पेश किया गया. इसके बाद विधायक को न्यायिक हिरासत में केंद्रीय कारा भेज दिया गया.
वारंट जारी होते ही छापेमारी तेज हुई
पुलिस ने 17 अक्तूबर को व्यवहार न्यायालय से उनकी गिरफ्तारी का वारंट हासिल किया था. इसके बाद से विधायक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही थी.
क्या है मामला
एनटीपीसी खनन कार्य के विरोध में विधायक निर्मला देवी के नेतृत्व में कफन सत्याग्रह आंदोलन बड़कागांव चिरूडीह में चल रहा था. एक अक्तूबर को कफन सत्याग्रह आंदोलनकारियों व विधायक निर्मला देवी को पुलिस हिरासत में लेकर बड़कागांव आ रही थी. डाडीकला गांव के पास विधायक की गिरफ्तारी के विरोध में विस्थापित आंदोलनकारियों व पुलिस के बीच झड़प हुई. पुलिस फायरिंग में चार ग्रामीणों की मौत हो गयी थी. इस घटना को लेकर पुलिस ने विधायक निर्मला देवी, उनके पति योगेंद्र साव समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
सीओ पर होनी चाहिए थी कार्रवाई : निर्मला
निर्मला देवी ने कोर्ट में कहा कि बड़कागांव गोलीकांड में सीओ को जेल जाना चाहिए था. उनके आदेश पर ही पुलिस ने विस्थापितों पर गोली चलायी और चार बेगुनाह मारे गये. पुलिस सीओ को गिरफ्तार नहीं कर उन्हें जेल भेज रही है. उन्होंने कहा कि वह बीमार हैं. उन्हें चिकित्सा की जरूरत है. वहीं गिरफ्तारी से पूर्व दिन में उन्होंने कहा था कि राज्यसभा चुनाव में हुए हॉर्स ट्रेडिंग की वह गवाह हैं. इस कारण मुख्यमंत्री के इशारे पर पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर प्रताड़ित करना चाहती है.
सरेंडर करना चाहती थी, कोर्ट में पुलिस थी मुस्तैद
मंगलवार को विधायक कोर्ट में सरेंडर करना चाहती थी. इस सूचना के बाद हजारीबाग व्यवहार न्यायालय में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया. पुलिस की उपस्थिति के कारण विधायक ने सरेंडर नहीं किया.