अब्राहम मुंडा के घर में नहीं बचा कोई कमानेवाला
रांची : खूंटी के सोयको मोड़ पर 22 अक्तूबर को हुई पुलिस फायरिंग में मारे गये अब्राहम मुंडा के घर में कमानेवाला कोई नहीं बचा. वह कोयलमेड़ गांव के रहने वाले थे. उनकी उम्र करीब 55 साल थी. उनके पांच बच्चे हैं. बड़ी बेटी सेटेंग मुंडी (30 वर्ष) की शादी हो चुकी है. उससे छोटी […]
रांची : खूंटी के सोयको मोड़ पर 22 अक्तूबर को हुई पुलिस फायरिंग में मारे गये अब्राहम मुंडा के घर में कमानेवाला कोई नहीं बचा. वह कोयलमेड़ गांव के रहने वाले थे. उनकी उम्र करीब 55 साल थी. उनके पांच बच्चे हैं. बड़ी बेटी सेटेंग मुंडी (30 वर्ष) की शादी हो चुकी है. उससे छोटी बेटी बेलासी मुंडी (25 वर्ष) की वह शादी करनेवाले थे. एक बेटा विकलांग है.
अन्य दो बच्चे अभी छोटे हैं. अब्राहम मुंडा की कमाई से ही घर का चूल्हा जलता था. शव के साथ खूंटी पहुंची उनकी बेटी बेलासी ने बताया कि उसके भाई-बहन का अब क्या होगा. कैसे उनका भरण-पोषण होगा. विकलांग भाई को कौन संभालेगा. अब्राहम मुंडा की मौत से जिउरी, खुरापूर्ति, एडलडीह, हेमरोम, रुगड़ी, जिलिंगकला, जोजोहातू आदि गांव के लोग दुखी हैं.