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कृषि विभाग: सब्सिडी को लेकर अधिकारियों में भ्रम की स्थिति, दो योजनाएं अब तक शुरू नहीं
रांची : कृषि, पशुपालन व सहकारिता विभाग के भूमि संरक्षण इकाई से संचालित दो स्कीम अब तक शुरू नहीं हो पायी है. जिला स्तर के अधिकारियों में सब्सिडी को लेकर भ्रम है. जिला स्तर के अधिकारियों ने दो-दो बार वीडियो कांफ्रेंसिंग में इस मुद्दे पर बात की है. अधिकारियों का कहना है कि स्थिति स्पष्ट […]
रांची : कृषि, पशुपालन व सहकारिता विभाग के भूमि संरक्षण इकाई से संचालित दो स्कीम अब तक शुरू नहीं हो पायी है. जिला स्तर के अधिकारियों में सब्सिडी को लेकर भ्रम है. जिला स्तर के अधिकारियों ने दो-दो बार वीडियो कांफ्रेंसिंग में इस मुद्दे पर बात की है. अधिकारियों का कहना है कि स्थिति स्पष्ट नहीं होने के कारण महिला स्वयं सहायता समूहों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. एक स्कीम महिला स्वयं सहायता समूहों को कृषि यांत्रिकरण के तहत कृषि उपकरण बैंक देने तथा दूसरा पंप सेट सिंचाई स्कीम है. महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए निकाले गये राज्यादेश में जिक्र है कि दो लाख रुपये तक सब्सिडी दी जायेगी. अधिकारियों का कहना है कि यह स्पष्ट नहीं है कि दो लाख कितना प्रतिशत होगा. प्रतिशत जिक्र नहीं होने से कारण सब्सिडी की राशि तय करना मुश्किल है.
अधिकारियों ने बताया कि राज्यादेश में जिक्र है महिला स्वयं सहायता समूह झारखंड राज्य आजीविका मिशन से लेना है. जबकि, कई प्रखंडों में आजीविका मिशन ने महिला स्वयं सहायता समूह बनाया ही नहीं है. इस संबंध में विभाग स्तर कोई गाइड लाइन नहीं मिलने से अधिकारियों को परेशानी हो रही है. इसी तरह विभाग ने किसानों के बीच पंप सेट वितरण की स्कीम रखा है. इसके राज्यादेश में 30 हजार रुपये सब्सिडी देने का प्रावधान है.
इसमें भी अधिकारियों को यह नहीं पता है कि कुल कितनी राशि का कितना प्रतिशत दिया जायेगा. सचिवालय के अधिकारियों का कहना है कि निदेशालय को केवल सोलर पंप का मापदंड तय कर देना है. यह किसान की जिम्मेदारी है कि वह कौन की कंपनी का पंप सेट खरीदता है. खरीदे गये बिल को जमा कर उसे 30 हजार रुपये सब्सिडी लेना है.
20 करोड़ सब्सिडी राशि
राज्य सरकार की ओर से करीब एक हजार महिला स्वयं सहायता समूहों को कृषि उपकरण बैंक देना है. इसके लिए 20 करोड़ रुपये सब्सिडी की राशि तय की गयी है. भूमि संरक्षण विभाग ने इसके लिए टेंडर निकाल दिया है. निदेशालय स्तर के अधिकारियों का दावा है कि एक सप्ताह के अंदर इस पर कोई अंतिम निर्णय हो जायेगा. इसकी जानकारी जिला स्तर पर दे दी जायेगी.
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