आदिवासियों का मालिकाना हक बरकरार रखने पर बनी सहमति

रांची: सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के प्रस्ताव को लेकर बुधवार रात भाजपा विधायक दल की बैठक में पुनर्विचार किया गया. इसमें आदिवासियों के मालिकाना हक को बरकरार रखने पर सहमति बनी. सरकार की ओर से लाये गये संशोधन प्रस्ताव में मालिकाना हक शब्द छूट गया था, जिसे जोड़ा जायेगा. तीन नवंबर को होनेवाली जनजातीय परामर्शदातृ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 3, 2016 2:25 AM
रांची: सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के प्रस्ताव को लेकर बुधवार रात भाजपा विधायक दल की बैठक में पुनर्विचार किया गया. इसमें आदिवासियों के मालिकाना हक को बरकरार रखने पर सहमति बनी. सरकार की ओर से लाये गये संशोधन प्रस्ताव में मालिकाना हक शब्द छूट गया था, जिसे जोड़ा जायेगा. तीन नवंबर को होनेवाली जनजातीय परामर्शदातृ परिषद की बैठक में मालिकाना हक शब्द को जोड़ने को लेकर सहमति ली जायेगी.

बैठक में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि अगर कोई आदिवासी व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए जमीन देता है, तो उसका मालिकाना हक खत्म नहीं होगा. सिर्फ कृषि योग्य भूमि का नेचर बदल कर गैर कृषि योग्य भूमि किया जा रहा है, ताकि रैयतों को चार गुना मुआवजा मिल सके. 17 नवंबर से शुरू होनेवाले विधानसभा सत्र में सीएनटी-एसपीटी एक्ट का संशोधन बिल लाया जायेगा.
स्थापना दिवस समारोह के लिए प्रधानमंत्री दिया जायेगा निमंत्रण
15 नवंबर को होनेवाले झारखंड स्थापना दिवस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाने के लिए निमंत्रण दिया जायेगा. मुख्यमंत्री रघुवर दास तीन नवंबर को प्रधानमंत्री से मिल कर निमंत्रण देंगे. लगभग तीन घंटे तक चली बैठक में स्थापना दिवस समारोह को लेकर भी चर्चा हुई. समारोह को भव्य रूप से मनाने का निर्णय लिया गया. समारोह में भाजपा कार्यकर्ताओं व आम नागरिकों को बुलाया जायेगा. बैठक में प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा, मुख्यमंत्री रघुवर दास, प्रदेश प्रभारी त्रिवेंद्र सिंह रावत, मंत्री सरयू राय, नीलकंठ सिंह मुंडा, लुईस मरांडी समेत पार्टी के विधायक मौजूद थे.

Next Article

Exit mobile version